सड़क दुर्घटनाओं में मृत्युदर कम करने के लिए दिया प्रशिक्षण
सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए एम्स के चिकित्सकों ने छात्र-छात्राओं को आघात चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया। गुरुवार को एम्स के चिकित्सकों ने एमआईटी के सभी विभागों के छात्रों और शिक्षकों को जागरूक किया।
गुरुवार को एम्स ऋषिकेश द्वारा एमआईटी संस्थान में आघात चिकित्सा का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में असिस्टेंट नर्सिंग अधीक्षक महेश देवस्थले ने कहा कि ट्रॉमा रथ का मुख्य उद्देश्य राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करना है। उन्होंने डेमोंस्ट्रेशन के जरिए लॉग रॉल तकनीक भी बताई गई। इसमें डिप्टी नर्सिंग अधीक्षक कमलेश बैरवा ने भी डेमोंस्ट्रेशन कर सी स्पाइन रेस्ट्रिक्शन के बारे में भी बताया गया।
कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के दौरान घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए पहले तीन घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में जरूरी है कि आम लोगों सहित राज्य के हेल्थ केयर वर्करों को दुर्घटना के दौरान घायल व्यक्ति की जान बचाने और समय रहते उपचार की विशेष तकनीक का अनुभव होना चाहिए। इन्हीं उद्देश्यों को लेकर एम्स ट्रॉमा रथ अभियान चल रहा है। एमआईटी संस्थान के निदेशक रवि जुयाल ने कहा कि एम्स ऋषिकेश का यह सराहनीय प्रयास है। एम्स का ट्रॉमा रथ इन उद्देश्यों को साकार करेगा और आम जनमानस को इस संबंध में जागरूक करेगा। मौके पर नेशनल नर्सिंग प्रोफेशनल डेवलेपमेंट एसोसिएशन एम्स के अध्यक्ष संजीव जांगिड़, लोकेंद्र सिंह, आरती, अलका, प्रज्ञा, तरन्नुम, शशिकांत, जयंती, प्रियंका, डॉ. एलएम जोशी, अजय तोमर, अखिलेश बिजल्वाण, कामेश यादव आदि उपस्थित रहे