17 सुरंगों से गुजरेगी 105 किमी रेल लाइन, पढ़ें परियोजना का अब तक का स्टेटस
ऋषिकेश: Rishikesh Karnaprayag Rail Status : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को तय समय पर धरातल पर उतारने के लिए रेल विकास निगम ने पूरी ताकत झोंक दी है।
हिमालयी क्षेत्र के विषम भूगोल में तैयार हो रही इस परियोजना पर कुल 213 किमी सुरंग बननी हैं। इनमें सिंगल ब्राडगेज रेल लाइन के लिए 116.59 किमी की मुख्य सुरंग के अलावा 84.54 किमी की निकास सुरंग शामिल है।
मुख्य सुरंग व निकास सुरंग को जोड़ने के लिए करीब 11 किमी की सुरंग भी बननी हैं। अब तक परियोजना पर लगभग 72 किमी सुरंग की खोदाई पूरी हो चुकी है। जबकि, इस वर्ष के अंत तक 40 प्रतिशत कार्य यानी लगभग 85 किमी खोदाई का लक्ष्य है।
17 सुरंगों के भीतर से होकर गुजरेगी 105 किमी रेल लाइन
- 16216 करोड़ की लागत से तैयार हो रही 125 किमी लंबी इस रेल परियोजना में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 105 किमी रेल लाइन 17 सुरंगों के भीतर से होकर गुजरेगी।
- वर्तमान में परियोजना के नौ पैकेज पर काम चल रहा है।
- परियोजना की प्रगति देखें तो सुरंग के भीतर तक पहुंच बनाने के लिए लगभग चार किमी संपर्क सुरंग की खोदाई का कार्य पूरा हो चुका है।
- जबकि, 116 किमी मुख्य सुरंग में से अब तक 31.39 किमी की खोदाई पूरी हुई है।
- परियोजना पर छह किमी से अधिक लंबी सुरंग के समानांतर उतनी ही लंबाई की निकास सुरंग भी बननी हैं, जिनकी कुल लंबाई 84.54 किमी है।
- इसमें से अब तक 33.12 किमी सुरंग की खोदाई कर ली गई है।
सुरंग खोदाई की औसत रफ्तार पांच से छह किमी प्रतिमाह
- वर्तमान में परियोजना पर सुरंग खोदाई की औसत रफ्तार पांच से छह किमी प्रतिमाह है।
- यानी अगले दो माह में 10 से 12 किमी सुरंग की और खोदाई हो जाएगी।
- ऐसे में इस वर्ष दिसंबर अंत तक लगभग 85 किमी सुरंग खोदाई का कार्य पूरा होने की उम्मीद है।
- परियोजना के मुख्य प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने बताया कि वर्तमान में परियोजना निर्माण की गति बेहतर स्थिति है।
- अब तक निकास सुरंग में दो और मुख्य सुरंग में एक फेज में आर-पार खोदाई हो चुकी है।
- निगम का लक्ष्य परियोजना को वर्ष 2024 तक हर हाल में पूरा करने का है।
डबल ट्यूब होगी रेल सुरंग
- ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक सुरंगों के भीतर बिछाई जाने वाली सिंगल ब्राडगेज रेल लाइन की लंबाई वैसे तो 105 किमी है, लेकिन देवप्रयाग (सौड़) से जनासू के बीच 14.8 किमी लंबाई की दो अलग-अलग सुरंग बनाई जाएंगी।
- इस डबल ट्यूब टनल में गाड़ियों के आने-जाने के लिए अलग-अलग ब्राडगेज लाइन बिछाई जाएगी।
- इससे मुख्य सुरंग की लंबाई 105 किमी से बढ़कर 116 किमी के आसपास हो जाती है।
- परियोजना पर यह सुरंग सबसे अधिक लंबी हैं, जिनकी खोदाई के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- 14.8 किमी लंबी इस सुरंग का 11 किमी हिस्सा टीबीएम और शेष हिस्सा ड्रिल व ब्लास्ट तकनीकी से तैयार होगा।
रेलवे स्टेशन का क्रम
वीरभद्र, योग नगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर (चौरास), धारी देवी, रुद्रप्रयाग (सुमेरपुर), घोलतीर, गौचर और कर्णप्रयाग (सेवई)
गढ़वाल मंडल के पांच जिलों को जोड़ेगी परियोजना
- कर्णप्रयाग रेल परियोजना गढ़वाल मंडल के पांच जिलों को जोड़ेगी।
- इनमें देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग व चमोली जिले शामिल हैं।
- परियोजना पर कुल 13 रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें दो स्टेशन वीरभद्र व योगनगरी ऋषिकेश, देहरादून जिले में हैं।
- दोनों का निर्माण पूरा होने के बाद यहां से गाड़ियों का संचालन भी शुरू हो चुका है।
- इसके अलावा टिहरी जिले में शिवपुरी, व्यासी, मलेथा व चौरास, पौड़ी जिले में देवप्रयाग, जनासू व धारी देवी, रुद्रप्रयाग जिले में सुमेरपुर और चमोली में घोलतीर, गौचर व कर्णप्रयाग के सेवई रेलवे स्टेशन होंगे।
परियोजना पर एक नजर
- कुल लागत : 16128 करोड़ रुपये
- कुल लंबाई : 125 किमी
- 17 सुरंगों से गुजरेगा रेल लाइन का 105 किमी हिस्सा
- ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच बनेंगे 16 रेल पुल
- सबसे लंबी सुरंग 14.8 किमी
- सबसे छोटी सुरंग 220 मीटर
- ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच होंगे 13 रेलवे स्टेशन