देहरादून नगर निगम के शीशमबाड़ा स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट पर आज होगा निर्णय
देहरादून: नगर निगम के शीशमबाड़ा स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट के संचालन की जिम्मेदारी किस निजी कंपनी को दी जाए, यह तय हो गया है। निगम की ओर से दूसरी बार निकाले गए टेंडर में मुंबई व भोपाल की कंपनी शेष रह गई थीं। भोपाल की कंपनी के कार्य का निरीक्षण के लिए भेजी निगम टीम को कंपनी का कार्य संतोषजनक मिला। बुधवार देर शाम निगम अधिकारियों की बैठक में शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट का कार्य भोपाल की कंपनी को देने का निर्णय लिया गया। वहीं, निगम के अधिकारियों ने बताया कि आधिकारिक ऐलान आज गुरुवार को किया जाएगा
वर्तमान में शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट का संचालन कर रही हैदराबाद की रैमकी कंपनी को बाहर करने के लिए नगर निगम ने आखिरी कदम बढ़ा दिया है। पिछले दिनों रैमकी ने निगम को यह काम छोड़ने का नोटिस दिया था। नगर निगम ने प्लांट संचालन का जिम्मा नई कंपनी को देने के टेंडर किया, जिसमें तीन कंपनियों ने हिस्सा लिया।
तकनीकी जांच में एक कंपनी बाहर हो गई और दो शेष रहीं। इनमें एक कंपनी मुंबई की, जबकि दूसरी दूसरी दिल्ली की थी। आरोप यह लग रहे थे कि निगम एवं शहरी विकास विभाग के अधिकारी मुंबई की कंपनी को काम देना चाह रहे हैं। आरोप लगने के बाद नगर आयुक्त ने पांच सदस्य समिति गठित कर दोनों कंपनियों के कार्यों का सत्यापन कराया, जिसमें दिल्ली वाली कंपनी फेल हो गई।
टेंडर में एक कंपनी के शेष रहने से टेंडर निरस्त करना पड़ा। बाद में दोबारा टेंडर निकाला गया, जिसमें पांच कंपनियों ने भाग लिया। तकनीकी जांच के बाद तीन कंपनियां फेल हो गई और इसमें दो कंपनियां शेष बचीं। इनमें पहली मर्तबा टेंडर में आई मुंबई की कंपनी के अलावा एक कंपनी भोपाल की थी। चूंकि, निगम टीम मुंबई की कंपनी के वाराणसी में चल रहे कार्य की सत्यता पहले ही जांच चुकी थी, ऐसे में इस बार भोपाल की कंपनी के कार्य की जांच कराई गई।
बुधवार शाम टीम ने भोपाल से इंटरनेट के माध्यम से अपनी रिपोर्ट निगम भेजी, इसमें कंपनी का कार्य संतोषजनक व मुंबई वाली कंपनी से बेहतर बताया। इसके बाद निगम अधिकारियों की नगर आयुक्त मनुज गोयल के कार्यालय में बैठक हुई। जिसमें भोपाल की कंपनी को प्लांट संचालन की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया गया। माना जा रहा कि अगले एक हफ्ते के भीतर कंपनी प्लांट संचालन शुरू कर देगी। सूत्रों ने बताया कि प्रति मीट्रिक टन कूड़ा निस्तारण में भोपाल की कंपनी की दरें भी मुंबई वाली कंपनी से कम रहीं।
रैमकी कंपनी की दूसरी कंपनी चेन्नई एमएसडब्लू को भी शहर में घर-घर कूड़ा उठान के 69 वार्ड से बाहर करने को निगम ने कदम बढ़ा दिया है। इसमें 22 वार्ड पूर्व में ही नगर निगम मैसर्स सनलाइट कंपनी व मैसर्स इकोन को दे चुका है। अब शेष 47 वार्डों की जिम्मेदारी दी जानी है। इस कार्य को लेकर बुधवार को खोले टेंडर में पांच कंपनियों ने भाग लिया। गुरुवार को पांचों कंपनियों के दस्तावेजों की जांच के उपरांत एक कंपनी का चयन किया जाएगा। निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अविनाश खन्ना ने बताया कि प्लांट के संचालन एवं घर-घर कूड़ा उठान के कार्य को लेकर नई कंपनियों के नाम का आधिकारिक ऐलान गुरुवार को कर दिया जाएगा।
घर-घर कूड़ा उठान के टेंडर में शामिल मैसर्स सनलाइट कंपनी के कूड़ा निस्तारण कार्य के अनुभव को लेकर विवाद दोबारा सामने आ गया। दरअसल, सनलाइट पर पूर्व में निगम अधिकारियों से सांठगांठ कर फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र के जरिये निगम से दस वार्डों का कूड़ा उठान का कार्य लेने का आरोप लगा था। इसकी जांच लंबित है। इस बीच निगम ने मैसर्स सनलाइट को दस वार्ड और दे दिए। बताया जा रहा कि अब सनलाइट ने मैसर्स इकोन से मिलकर नासिक की एक कंपनी के जरिये घर-घर कूड़ा उठान के 47 वार्डों के कार्य के लिए टेंडर डाला है। बताया जा रहा कि मैसर्स सनलाइट के दस्तावेजों की जांच को लेकर एक कंपनी हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है।