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क्षय रोगियों को बेहतर उपचार के साथ पुष्टाहार जरूरी : डीटीओ

क्षय रोगियों को बेहतर उपचार के साथ के साथ पुष्टाहार जरूरी है। दरअसल क्षय रोग के कारण रोगी कमजोर हो जाता है और उसका वजन कम हो जाता है। ऐसे में केवल दवाएं खाने से काम नहीं चलता बल्कि अच्छी रिकवरी के लिए पोषण भी जरूरी है। पोषण न मिलने पर रोगी को पुनः क्षय रोग होने की आशंका रहती है। इसीलिए क्षय रोगियों को सामाजिक सहयोग से पोषण किट उपलब्ध करवाई जा रही हैं। यह बातें सोमवार को जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश सिंह ने कहीं। वह रोटरी क्लब ऑफ पिलखुवा सिटी के सौजन्य से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पिलखुवा पर आयोजित एडोप्शन कार्यक्रम में बोल रहे थे।

डीटीओ डा. सिंह ने कहा – प्रधानमंत्री ने 2025 तक भारत को क्षय रोग मुक्त करने का संकल्प लिया है, क्षय रोगियों को गोद लेकर पोषण उपलब्ध कराने और भावनात्मक सहयोग प्रदान कराने की मुहिम भी इसी संकल्प को पूरा करने के लिए एक प्रयास है। इस प्रयास के जरिए प्रधानमंत्री के संकल्प को जन-जन से जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में रोटरी क्लब ऑफ पिलखुवा सिटी ने 10 और क्षय रोगियों को गोद लिया है। इस मौके पर डीटीओ ने क्षय रोग के खिलाफ विभाग के साथ सहयोग करने के लिए संस्था के अध्यक्ष विजय खंडेलवाल, सचिव राजीव मित्तल और को‌षाध्यक्ष नितिन गोयल का आभार भी व्यक्त किया।

सीएचसी प्रभारी डा. शेखर सिंह ने कहा – क्षय रोगी को दवाओं के साथ प्रोटीन, कार्बोंहाईड्रेट, विटामिन और खनिज की भी जरूरत होती है। इसलिए उनके आहार में दालें, मूंगफली, अंडा, मांस, दूध और दही भी शामिल किया जाना आवश्यक है। क्षय रोग विभाग के जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर सुशील चौधरी ने बताया सरकार ने क्षय रोगियों को बेहतर पोषण में सहयोग करने के लिए निक्षय पोषण योजना चलाई हुई है। योजना में रोगी को हर माह पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाता है। एडोप्शन कार्यक्रम के दौरान डा. शिल्पी वर्मा, डा. चंदा झा, एसटीएस संगीता एरन, टीबीएचवी विजय कुमार, फार्मासिस्ट सीमा, खुर्शीद, एलटी संदीप पुंडीर, स्टाफ नर्स पूजा और प्रियंका आदि मौजूद रहे

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