हरिद्वार में दुर्घटना संभावित स्थलों पर लाइट न कैमरा, कागजों में एक्शन
हरिद्वार: सुप्रीम कोर्ट कमेटी आन रोड सेफ्टी (एससीसीओआरएस) ने बढ़ते सड़क हादसों को कम करने के लिए प्रत्येक जिले में जिला सड़क सुरक्षा समिति गठित करने के निर्देश दिए। इसके अनुपालन में जिले में गठित कमेटी की अब तक तीन बैठक हो चुकी है। पांच अगस्त को आयोजित दूसरी बैठक में सीडीओ ने सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा करने के बाद जिले की आंतरिक और बाह्य सड़कों पर ई रिक्शा संचालन की स्थिति का आकलन करते हुए हाईवे पर संचालन प्रतिबंधित करने के अलावा समिति को सभी हाईवे और स्टेट हाईवे का सर्वेक्षण कर इन मार्गों पर अवैध खुले कट चिह्नित कर बंद करवाने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं एनएचएआइ और लोनिवि को हाईवे के प्रत्येक पांच किमी पर निकटवर्ती अस्पताल, पुलिस थाने और परिवहन विभाग के संपर्क नंबर संबंधी बोर्ड लगवाने को भी कहा। इसके अलावा हाईवे के ऐसे स्थल जहां हिट एंड रन के मामले घटित हो रही हैं वहां विद्युतीकरण की व्यवस्था को भी निर्देशित किया। लेकिन, लापरवाही देखिए कि समिति की ओर से इन निर्देशों का गंभीरता से पालन नहीं किया गया
जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में 19 अक्टूबर को आयोजित समिति की तीसरी बैठक में जिले में ई रिक्शा से उत्पन्न होने वाली जाम की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी ने ई रिक्शाओं के पंजीकरण के निरस्तीकरण को एसपी ट्रैफिक, प्रशासन, नगर निगम, एनएचएआइ, लोनिवि की संयुक्त समिति बनाने के निर्देश दिए गए। लेकिन, समिति का कोई अता-पता नहीं है। इतना ही नहीं ई रिक्शा को लेकर पांच अगस्त को आयोजित बैठक में दिए निर्देशों का भी पालन होता नहीं दिख रहा है। हाईवे पर बेरोकटोक ई रिक्शा चल रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग में सप्तऋषि से मंगलौर तक कार्य पूर्ण होने के बाद भी एनएचएआइ की ओर से प्रत्येक पांच किमी पर निकटवर्ती चिकित्सालय, पुलिस स्टेशन तथा परिवहन विभाग के फोन नंबर संबंधी बोर्ड नहीं लगाए गए हैं। निर्देशित करने के बावजूद एनएचएआइ की ओर से हाईवे पर एसओएस टेलीफोन सेवा का कोई अता-पता नहीं है। सीसीटीवी कैमरे भी अब तक नहीं लगाए गए हैं। चिड़ियापुर बार्डर एवं इसके समीपवर्ती मार्गों पर हिट एंड रन की बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर विद्युतीकरण की व्यवस्था भी नहीं हुई है। जिलाधिकारी ने लोनिवि के खंडों को प्रत्येक दशा में रेट्रोरिफ्लेक्टिव साइन बोर्ड प्रत्येक पांच किमी पर 15 नवंबर तक लगाने को निर्देशित किया था, लेकिन अब तक साइन बोर्ड नहीं लगे। हालांकि राष्ट्रीय राजमार्ग के अवैध कट बंद कराने संबंधी निर्देशों के अनुपालन में पुलिस, परिवहन और एनएचएआइ अधिकारियों ने जिले में राष्ट्रीय राजमार्गों का सर्वे कर ऋषिकुल समेत केवल पांच कट बंद कराए हैं। जबकि, दैनिक जागरण की पड़ताल में 119 किमी नेशनल हाईवे और 48 किमी स्टेट हाईवे के दायरे में 40 ब्लैक स्पाट और 28 अवैध कट मिले हैं। इसके अलावा खतरनाक अनियोजित होर्डिंग्स, सीमित संख्या में साइनेज, प्रकाश व्यवस्था, पूरे रास्ते में स्वास्थ्य सुविधाओं और पुलिस सहायता की भी व्यवस्था नहीं दिखी।