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दक्षिण कोरिया और उरुग्वे की भिड़ंत में मास्क पहनकर खेलते नजर आएंगे हिउंग मिन की

दोहा,  उरुग्वे के साथ ग्रुप एच के पहले मैच में दक्षिण कोरियाई टीम में सन हिउंग मिन की मास्क पहने दिखेंगे। सन ने अंतरराष्ट्रीय करियर में अबतक 104 मुकाबलों में 35 गोल किए हैं, लेकिन दो नवंबर को चैंपियंस लीग के मुकाबले में बाईं आंख में लगी चोट के कारण बाहर हो गए थे। इंग्लिश प्रीमियर लीग के पिछले सत्र में सन ने सर्वाधिक गोल की बराबरी की थी, वह मैच के दौरान मास्क में दिख सकते हैं। दक्षिण कोरिया का पूरा अटैक सन की गति, उनके दोनों पैर से स्ट्राइक करने की क्षमता के ऊपर निर्भर करेगा।

वहीं, उरुग्वे टीम की पूरी जिम्मेदारी अनुभवी लुइस सुआरेज और ए¨डसन कवानी के कंधों पर होगी। सुआरेज ने चार विश्व कप में अबतक सात गोल किए हैं, जो कि राष्ट्रीय रिकार्ड होल्डर आस्कर मिग्वेज से एक कम है। आस्कर 1950 की विजेता टीम का हिस्सा थे। सुआरेज दांत कांटने की कई घटनाओं को लेकर हमेशा चर्चा में रहे हैं। 2018 विश्व कप में उन्होंने इटली के डिफेंडर जियोर्जियो चिल्लेनी के कंधों पर दांत कांट लिया था। रेफरी ने भले इसे नहीं देखा था पर इसके बाद सुआरेज को चार महीनों के लिए फुटबाल संबंधी सभी गतिविधि से निलंबित कर दिया गया था। उनपर नौ अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए बैन भी लगा था। इससे पहले 2010 में भी उन पर कार्रवाई की गई थी
ग्रुप जी के पहले मुकाबले में स्विट्जरलैंड और कैमरून दोनों की नजरें पहली चुनौती को जीतने पर होगी। मुश्किल ग्रुप में उनके लिए पहला मुकाबला महत्वपूर्ण साबित होगा। ब्राजील और सर्बिया जैसी दमदार टीमों के विरुद्ध उन्हें अगले मैच खेलने हैं। ऐसे में गुरुवार को दोनों टीमों की नजरें तीन अंक बटोरने पर होगी। 2010 और 2014 विश्व कप में फार्म को देखते हुए कैमरून के लिए यह मुकाबला चुनौतीपूर्ण होगा। इस दौरान विश्व कप में स्विट्जरलैंड के जेरदान शकीरी ने कैमरून की पूरी टीम के सामूहिक गोल से अधिक गोल किए हैं। अपना चौथा विश्व कप खेल रहे 31 वर्षीय शकीरी पर सबकी नजरें होंगी
मोनैको क्लब के ब्रील एंबोलो स्विट्जरलैंड की ओर से गोल करते हुए दिख सकते हैं। वहीं, बायर्न म्यूनिख के इन फार्म कैमरूनी स्टार एरिक मैक्जिम चोउपोमोटिंग भी शानदार फार्म में हैं। इस सत्र में बायर्न म्यूनिख के लिए चोउपोमो¨टग ने 11 गोल कर लेवांदोवस्की की कमी को महसूस नहीं होने दिया। तीसरा विश्व कप खेल रहे मो¨टग इस विश्व कप में पहले गोल की तलाश में दिखेंगे। दोनों टीमों ने पिछले 18 महीनों में अलग-अलग कोच के साथ महाद्वीपीय मुकाबलों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। पिछले साल यूरोपीय चैंपियनशिप में स्विट्जरलैंड ने अंतिम 16 में 3-3 से मैच ड्रा होने के बाद पेनाल्टी शूटआउट में गत चैंपियन फ्रांस को हरा दिया था। कैमरून 1990 के बाद से क्वार्टर फाइनल में जगह नहीं बना सका है। उन्हें इस बार जरूर इसकी तलाश होगी।

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