उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार से, हंगामेदार रहने के हैं आसार
देहरादून। विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू होने जा रहा है। पांच दिसंबर तक प्रस्तावित सत्र के पहले दिन सरकार की ओर से शाम चार बजे 4867 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा।
सत्र के लिए विधायकों ने लगाए हैं 616 प्रश्न
विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की सोमवार को हुई बैठक में मंगलवार का एजेंडा तय किया गया। पहले दिन विभिन्न विभागों से संबंधित छह संशोधन विधेयक सदन के पटल पर रखे जाएंगे। सत्र के लिए विधायकों ने 616 प्रश्न लगाए हैं
उधर, विपक्ष ने सत्र के दौरान यूकेएसएससी भर्ती घपले, वनंतरा रिसार्ट प्रकरण, कानून व्यवस्था, आपदा प्रभावितों की अनदेखी, महंगाई, बेरोजगारी, ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल जैसे विषयों पर सरकार को सदन के भीतर व बाहर घेरने की रणनीति बनाई है। इस कड़ी में सरकार ने भी विपक्ष के हमलों का तथ्यों व तर्कों के साथ जवाब देने को अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है। इस परिदृश्य के बीच सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं
शीतकालीन सत्र गैरसैंण में होगा या फिर देहरादून में, इसे लेकर काफी समय तक ऊहापोह बना रहा। बाद में सरकार ने निर्णय लिया कि सत्र 29 नवंबर से पांच दिसंबर तक देहरादून में ही होगा। इसे देखते हुए सत्र को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं।
कार्यमंत्रणा समिति की हुई बैठक
सोमवार को विधानसभा भवन स्थित सभागार में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की अध्यक्षता में हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सत्र के लिए विधायी व संसदीय कार्यो पर चर्चा की गई। साथ ही मंगलवार के एजेंडे पर मुहर लगाई गई। बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक प्रीतम सिंह, उमेश शर्मा काऊ व मोहम्मद शहजाद उपस्थित थे।
विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने सत्र के मद्देनजर दलीय नेताओं के साथ भी बैठक की। उन्होंने कहा कि सदन के सुचारू रूप से संचालन और राज्य व राज्यवासियों से जुड़े विषयों पर सार्थक चर्चा के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है। विपक्ष की ओर से इसमें सहयोग का आश्वासन दिया गया।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन ऐसी जगह है, जहां विधायक अपनी बात को अच्छे से रख सकते हैं। यह गरिमापूर्ण स्थान है और वहां ऐसा कोई आचरण नहीं होना चाहिए, जिससे सदन की गरिमा को चोट पहुंचे। विधायक अपनी बात को शांतिपूर्ण और पुख्ता ढंग से रखें। यही अपेक्षा है।
उधर, देर शाम को मुख्यमंत्री आवास पर भाजपा विधानमंडल दल की बैठक हुई, जिसमें सत्र के लिए रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। इसमें मंत्री, विधायकों को आवश्यक निर्देश दिए गए। कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक में भी सरकार को तमाम मुद्दों पर घेरने की कार्ययोजना बनाई गई।