क्रोएशिया-बेल्जियम मैच में अनुभवी खिलाड़ियों की भूमिका अहम, नॉकआउट में पहुंचने पर होगी नजर
बेल्जियम और क्रोएशिया की टीम फुटबाल विश्वकप के महत्वपूर्ण मुकाबले में गुरुवार को आमने-सामने होंगी। इस मैच में दोनों टीम की नजरें अनुभवी खिलाड़ियों पर होंगी। चार साल पहले फाइनल में पहुंचने वाला क्रोएशिया और 2018 में तीसरे स्थान पर रहा बेल्जियम दोनों अपने अनुभवी खिलाड़ियों पर काफी निर्भर करते हैं। संभावना है कि युवा खिलाड़ियों को कम ही चांस मिले।
क्रोएशिया के 20 साल के जोस्को ग्वारडियोल और 25 साल के निकोला व्लासिक और बेल्जियम के 21 साल के चार्ल्स डि केटेलेयर इसके अपवाद हैं। क्रोएशिया को फिजिकल ग्वार्डियोल से काफी उम्मीद होंगी, जो टीम में सेंटर बैक के रूप में खेलते हैं। ऊंची कूद के पूर्व विश्व चैंपयिन ब्लांका व्लासिक के छोटे भाई निकोला आम तौर पर अटैकिंग मिडफील्डर के रूप में खेलते हैं।
क्रोएशिया की टीम हालांकि मिडफील्ड में लुका मोड्रिक, मार्सेलो ब्रोजोविक और माटियो कोवासिक पर अधिक निर्भर है और ऐसे में व्लासिक का इस्तेमाल सेंटर फील्डर के रूप में हो रहा है। क्रोएशिया ने अपना पहला मुकाबला मोरक्को से गोल रहित ड्रा खेल और अगले मैच में कनाडा को 4-1 से हराया। बेल्जियम की टीम भी अनुभवी स्ट्राइकरों एडन हजार्ड, केविड डिब्रून और रोमेलू लुकाकू पर काफी निर्भर करती है
क्रोएशिया की टीम जीत या ड्रॉ के साथ अंतिम 16 में जगह बना सकती है, जबकि बेल्जियम को नाकआउट में जगह सुनिश्चित करने के लिए हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। क्रोएशिया और मोरक्को ग्रुप-F में चार-चार अंक के साथ पहले दो स्थान पर हैं। बेल्जियम के तीन अंक हैं, जबकि कनाडा की टीम टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी है, जिसने अभी खाता भी नहीं खोला है। अगर कनाडा मोरक्को को हरा देता है तो संभावना है कि क्रोएशिया और बेल्जियम दोनों नाकआउट में पहुंच जाएं।