सीएम ने तलब की NIOS डीएलएड मामले में रिपोर्ट,हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ SC गई थी सरकार, सीएम लें सकते है बड़ा फैसला, इनकी जा सकती है नौकरी
सीएम ने तलब की NIOS डीएलएड मामले में रिपोर्ट, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ SC गई थी सरकार सरकार ने एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को पहले शिक्षक भर्ती में शामिल किया, जबकि बाद में उन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल करने से इनकार कर दिया।
सीएम ने तलब की NIOS डीएलएड मामले में रिपोर्ट, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ SC गई थी सरकार सरकार ने एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को पहले शिक्षक भर्ती में शामिल किया, जबकि बाद में उन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल करने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल
हाईकोर्ट ने शासन के 10 फरवरी 2022 के आदेश को रद्द कर इन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल कर दी गई।
शिक्षा सचिव के मुताबिक न्याय विभाग से लिए गए सुझाव के बाद याचिका दाखिल की गई है। मुख्यमंत्री के इस प्रकरण में तथ्यों के साथ रिपोर्ट मांगी है। जिससे प्रकरण में अभी कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ाया गया है। प्रकरण 35 एनआईओएस से डीएलएड कर चुके अभ्यर्थियों से जुड़ा है।
60 से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति होगी रद्द
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एनआईओएस से डीएलएड को यदि शिक्षक भर्ती में शामिल किया गया तो 60 से ज्यादा बीएड के आधार पर नियुक्ति पाए शिक्षकों की नियुक्ति रद्द होगी।प्रकरण की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। यदि मुख्यमंत्री के स्तर पर कोई निर्णय होता है तो सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को वापस लिया जाएगा और जारी रखने को कहा गया तो इसे जारी रखा जाएगा। – रविनाथ रमन, शिक्षा सचिव
शिक्षा सचिव रविनाथ रमन के मुताबिक यदि मुख्यमंत्री के स्तर से याचिका को वापस लेने का निर्णय होता है तो सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को वापस लिया जाएगा। प्रदेश के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020-21 में 2648 पदों के लिए आवेदन मांगे थे।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से डीएलएड और बीएड अभ्यर्थियों के साथ ही एनआईओएस से डीएलएड करने वालों ने इसके लिए आवेदन किए थे। सरकार ने एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को पहले शिक्षक भर्ती में शामिल किया, जबकि बाद में उन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल करने से इनकार कर दिया। जिसके खिलाफ एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थी शासन के इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे।