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लियोनल मेसी के चमत्कार ने अर्जेंटीना के कोच की आंखों में लाए आंसू, कप्तान को पकड़ रोने लगे स्केलोनी

अर्जेंटीना ने फुटबॉल विश्व कप के सेमीफाइनल में क्रोएशिया को हराकर खिताबी मुकाबले में अपनी जगह बना ली। उसने मंगलवार रात (13 दिसंबर) को पिछले बार की उप-विजेता टीम क्रोएशिया के खिलाफ 3-0 से शानदार जीत हासिल की। पूरी दुनिया में अर्जेंटीना के प्रशंसकों के लिए यह एक भावनात्मक रात थी। इस सदी में अर्जेंटीनी प्रशंसकों के सबसे बड़े नायक लियोनल मेसी ने सेमीफाइनल में जादुई प्रदर्शन किया। उनके खेल को देककर टीम के कोच लियोनल स्केलोनी भी भावुक हो गए और रोने लगे।

लियोनल मेसी ने 34वें मिनट में पेनल्टी पर गोल किया। वह अर्जेंटीना के लिए विश्व कप इतिहास में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए। मेसी ने गेब्रियल बतिस्तुता के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। उनका यह पांचवां विश्व कप है और उन्होंने कुल मिलाकर अब तक 11 गोल दागे हैं। बतिस्तुता ने विश्व कप में 10 गोल दागे थे। मेसी ने जैसे ही यह गोल किया, डग आउट में बैठे कोच स्केलोनी खामोशी से बैठ गए। वह अन्य लोगों की तरह उछल नहीं रहे थे। कुर्सी पर बैठे स्केलोनी की आंखें भर आईं। उन्होंने थोड़ा पानी पिया।
मैच के बाद रोने लगे स्केलोनी
इतना ही नहीं, जब मेसी ने 69वें मिनट में जूलियन अल्वारेज के लिए शानदार असिस्ट किया तब भी स्केलोनी उत्साहित नहीं दिखे। वह उस समय भी टीम की जीत के बारे में सोच रहे थे। जब रेफरी ने मैच समाप्त होने की सिटी बजाई तब स्केलोनी अपनी भावनाओं को नहीं रोक पाए। उनकी आंखों में आंसू आ गए। मेसी ने उनको गले लगा लिया। दोनों काफी देर तक एक-दूसरे को पकड़े रहे।
स्केलोनी ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, “कभी-कभी ऐसा लग सकता है कि हम केवल अर्जेंटीना के फैंस के रूप में कहते हैं कि लियोनल महान हैं, लेकिन मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि मेसी सबसे अच्छे हैं। हर बार जब वह खेलते हैं तो यह उनके साथियों के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत होता है। मेसी के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं बचा है, यह उनके लिए सौभाग्य की बात है।”
दूसरे कोचों से खुद की तुलना नहीं करते स्केलोनी
मैच जीतने के बाद अर्जेंटीना ने भव्य अंदाज में जश्न मनाया। इस पर स्केलोनी ने कहा, “हमने जश्न मनाया क्योंकि फाइनल में पहुंचना रोमांचक है, लेकिन अभी भी एक कदम बाकी है।” दूसरे कोचों से तुलना पर स्केलोनी ने बोले, ”मैं अपनी तुलना दूसरे कोचों से नहीं कर सकता। फाइनल में पहुंचना और राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है, लेकिन मैं खुद को किसी के बराबर नहीं रख सकता। मैं फाइनल में पहुंचकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।

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