अब मोबाइल वैन से सड़क पर ही जांचा जाएगा वाहन का प्रदूषण, ऑन द स्पॉट होंगे चालान
देहरादून: दून में अब परिवहन विभाग ने प्रदूषण फैला रहे वाहनों के विरुद्ध मोबाइल वैन उतारने की तैयारी कर ली है।
यह टीम मौके पर वैन में लगे उपकरण से वाहन के प्रदूषण की जांच कर कार्रवाई करेगी। यदि, कोई चालक तेज गति से प्रदूषण फैलाने वाले वाहन भगा ले गया तो टीम कैमरे से उसका नंबर कैद कर चालान घर भेजेगी।
प्रदूषण को लेकर मोबाइल वैन से कार्रवाई की रणनीति
अब तक परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम जीप, इंटरसेप्टर व बाइक के माध्यम से ही चालान काट रही थी, लेकिन अब विभाग ने प्रदूषण को लेकर मोबाइल वैन से कार्रवाई की रणनीति बनाई है
इसमें प्रदूषण जांच के लिए बाकायदा मशीन व कैमरा लगा होगा। जिन वाहन का प्रदूषण प्रमाण-पत्र वैध नहीं होगा, यह मोबाइल वैन न केवल वाहन का चालान करेगी, बल्कि हाथों-हाथ जांच कर प्रमाण पत्र भी जारी कर देगी।
इस संबंध में दून के आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने बताया कि दून जनपद में पेट्रोल, डीजल समेत सीएनजी वाहनों की प्रदूषण जांच के लिए 113 केंद्र हैं, लेकिन चेकिंग में हर बार ऐसे वाहन पकड़े जा रहे हैं, जो प्रदूषण जांच के बिना दौड़ रहे हैं। इसी कारण अब परिवहन विभाग जांच मशीन लगाकर कार्रवाई करेगा
आरटीओ शैलेश तिवारी ने बताया कि इस वर्ष देहरादून संभाग में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए नवंबर तक 5517 वाहनों का चालान किया गया।
इनमें दून शहर में 1722, ऋषिकेश में 847, विकासगनर में 593, हरिद्वार शहर में 891, रुड़की में 871, टिहरी में 364, उत्तरकाशी में 229 वाहनों का चालान हुआ। चेकिंग में ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले 845 वाहनों का भी चालान किया गया। बाइक या कार का साइलेंसर बदलकर ध्वनि प्रदूषण करने वाले 20 वाहनों को सीज किया गया।
आरटीओ ने बताया कि प्रदूषण जांच को लेकर मोटर वाहन अधिनियम में वाहन में प्रदूषण जांच प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य है। बीएस-2 व बीएस-3 श्रेणी के वाहनों को प्रत्येक छह माह, बीएस-4 व बीएस-6 के वाहनों को एक साल में प्रदूषण जांच करा प्रमाण-पत्र का नवीनीकरण कराना अनिवार्य है।
प्रदूषण प्रमाण-पत्र वैध न पाए जाने पर वाहन मालिक पर ढाई हजार रुपये जुर्माना है। यदि, वाहन दोबारा इसी मामले में फिर पकड़ा गया तो जुर्माना राशि पांच हजार है। प्रदूषण अधिक पाए जाने पर वाहन चालक का लाइसेंस एवं वाहन पंजीकरण निलंबित करने का प्रविधान है
परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमों द्वारा दून के आरटीओ दफ्तर व आशारोड़ी चेकपोस्ट में सीज किए गए वाहनों को नीलाम करने की तैयारी कर ली है। आरटीओ (प्रवर्तन) ने बताया कि सीज वाहन को 90 दिन में जुर्माना भरकर छुड़ाने का प्रविधान है।
यदि वाहन स्वामी 90 दिन में वाहन को नहीं छुड़ाता, तो विभाग मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार सीज वाहन नीलाम कर सकता है। वाहन स्वामी को अंतिम चेतावनी दी गई है कि जुर्माना भरकर वाहन छुड़ा लें