निष्ठा के साथ जिम्मेदारी का निर्वाह करने का संकल्प
चंपावत/बनबसा। एसएसबी पंचम वाहिनी का 59वां स्थापना दिवस उल्लास से मनाया गया। समारोह में जवानों ने निष्ठा के साथ जिम्मेदारी का निर्वाह करने का संकल्प लिया। कार्यवाहक कमांडेंट हरीश चंद्र जोशी ने सशस्त्र सीमा बल की स्थापना से लेकर अब तक के इतिहास की जानकारी दी। बताया कि चीन और भारतीय युद्ध के बाद 20 दिसंबर 1963 में एसएसबी की स्थापना की गई थी।
एसएसबी की पंचम वाहिनी कैंपस में मंगलवार को स्थापना दिवस समारोह आयोजित हुआ। एसएसबी शस्त्रागार परिसर में मुख्य आरक्षी विक्की शर्मा के नेतृत्व में कार्यवाहक कमांडेंट हरीश चंद्र जोशी को गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया। इस दौरान उप कमांडेंट हेमंत कुमार, नितिन कुमार सिंह, घनश्याम पटेल, रंजन बच्चर, अजीत, संजीबनाथ, नरेंद्र सिंह, योगेश कुमार सिन्हा, श्याम दत्त भट्ट, चंद्रपाल बिट्टू, रणविजय सिंह आदि मौजूद थे। इस वक्त एसएसबी के जिम्मे नेपाल सीमा से लगे पांच राज्यों की 1800 किमी की सीमा की सुरक्षा का जिम्मा है। चंपावत में नेपाल से लगी 90 किमी की सीमा है।
उधर बनबसा में भी एसएसबी का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस दौरान खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके अलावा नेपाल की सुरक्षा एजेंसी एवं पुलिस, उत्तराखंड पुलिस, प्रशासन, कस्टम विभाग, वन विभाग के अलावा अन्य विभागों में मिठाई बांटकर स्थापना दिवस की खुशी साझा की।
कमांडेंट अनिल कुमार नेहरा ने एसएसबी की स्थापना से लेकर जिम्मेदारी के बारे में बताया। कहा कि एसएसबी की कुल 73 वाहिनियां अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा जैसे छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार आदि राज्यों में नक्सलवाद के खात्मे में लगी हैं। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की समाप्ति के लिए भी एसएसबी रोज नई उपलब्धियां प्राप्त कर रही हैं।