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उत्तराखंड: टिहरी झील में पहली बार होगी नेशनल वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता, 17 राज्यों के 300 खिलाड़ी लेंगे भाग

टीएचडीसीआईएल भारत सरकार के सहयोग से टिहरी झील में पहली बार राष्ट्रीय स्तरीय वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। एशियाई चैंपियनशिप एवं ओलंपिक क्वालीफाइंग चौथी रैकिंग और केनो (डोंगी) स्प्रिंट सीनियर पुरुष और महिला चैंपियनशिप के तहत सभी मुकाबले होंगे। 28 दिसंबर से शुरू होने वाली तीन दिवसीय प्रतियोगिता में देश के 17 राज्यों के 300 खिलाड़ी अपना दमखम आजमाने के लिए झील में उतरेंगे। करीब आठ साल बाद समुद्र तल से 840 मीटर की ऊंचाई पर केनोइंग और क्याकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।

भारत सरकार के प्रेरित करने पर टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड केनोइंग और क्याकिंग को बढ़ावा देने के लिए टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप का आयोजन करने जा रहा है। मंगलवार को टीएचडीसीआईएल के गंगा भवन में संस्थान के अध्यक्ष व निदेशक आरके विश्नोई ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के सहयोग व भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक संघ और आईटीबीपी की तकनीकी देखरेख में 28 से लेकर 30 दिसंबर तक टिहरी झील में राष्ट्रीय स्तरीय केनोइंग और क्याकिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के लिए 17 राज्यों के 200 पुरुष और 100 महिला खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया है।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय और राज्य स्तरीय अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। भारत सरकार की प्रेरणा से अन्य उपक्रम और कंपनी भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतियोगिताओं के आयोजन की योजना तैयार कर रही है। सीमित समय में टीएचडीसीआईएल ने सबसे पहले प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली हैं। आरके विश्नोई ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता उत्तराखंड और टिहरी में वॉटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने में भगीरथ प्रयास साबित होगा। इस मौके पर कॉर्पोरेट संचार विभाग के अपर महाप्रबंधक एएन त्रिपाठी, प्रबंधक गौरव और वीवी खरोला उपस्थित थे।संस्थान के अध्यक्ष व निदेशक आरके विश्नोई ने बताया कि उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्तरीय वॉटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता कराए जाने से पर्यटकों और खिलाड़ियों का रुझान बढ़ेगा। टिहरी झील में वाटर स्पोर्ट्स की अपार संभावनाएं हैं। टिहरी झील और नदियों में वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियां बढ़ेंगी तो निश्चित तौर पर युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि टीएचडीसीआईएल प्रतियोगिता के बाद वॉटर स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों और इससे संबंधित रोजगारों को लेकर युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना पर भी काम कर रहा है।

टीएचडीसीआईएल के कारपोरेट संचार विभाग के अपर महाप्रबंधक एएन त्रिपाठी ने बताया कि इससे पूर्व कश्मीर में भी इतनी ही ऊंचाई पर कैनोइंग और क्याकिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। हिमाचल में भी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऐसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

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