कोरोना के खतरे को लेकर एम्स ने किया मॉकड्रिल
ऋषिकेश। कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर एम्स ऋषिकेश ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। केंद्र सरकार के निर्देश पर मंगलवार को एम्स अस्पताल परिसर में मॉकड्रिल की गई। एम्स अस्पताल प्रशासन की ओर से मॉकड्रिल के दौरान अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, डॉक्टर्स, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ आदि की उपलब्धता और क्षमताओं को परखा गया। मॉकड्रिल के तहत डमी मरीजों के माध्यम से कोविड संबंधी तैयारियों को दो अलग-अलग विषयों पर फोकस किया गया था। मॉकड्रिल के माध्यम से सामान्य लक्षण वाले कोविड मरीज की जांच के बाद उसकी काउंसिलिंग की गई। सैंपलिंग के बाद उन्हें सात दिनों के लिए होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई। बताया गया कि होम आइसोलेशन में रहने के दौरान मरीज को कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह पालन करना है।
दूसरे मामले में बताया गया कि गंभीर लक्षण वाले मरीज के इलाज के दौरान क्या-क्या आवश्यकताएं पड़ सकती हैं और अस्पताल को किस प्रकार तैयार रहना है। मॉकड्रिल के दौरान खांसी, बुखार और डायरिया से ग्रसित गंभीर लक्षण वाले एक कोविड मरीज को चिकित्सकों की टीम ने स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ऑक्सीजन सपोर्ट से इमरजेंसी विभाग भेजा। वहां से मरीज को उचित इलाज के लिए कोविड आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया।
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि इस तरह की कवायद से अस्पताल में कोविड इलाज से संबंधित हमारी परिचालन तत्परता में मदद मिलेगी। कहा नोरसेट (नर्सिंग अफसर रिक्रूटमेंट कॉमन एलिजीबिलिटी टेस्ट) से आयोजित परीक्षाओं के माध्यम से हाल ही में चयनित होकर आए 400 से अधिक नर्सिंग स्टाफ के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मरीजों का इलाज करना उनका पहला अनुभव होगा। कोविड मरीजों का इलाज किस प्रकार किया जाता है। इस मॉकड्रिल से ऐसे सभी नर्सिंग स्टाफ को भी लाभ होगा। इस अभ्यास से स्वास्थ्य देखभाल संबंधी प्रक्रिया मजबूत होगी। इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित त्यागी, मुख्य नर्सिंग अधिकारी रीता शर्मा, डीएनएस वंदना, कमलेश चंद, जीनू जैकब, पुष्पा रानी आदि शामिल थे।
कोरोना की आशंका को देखते हुए अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. मीतू शाह ने सरकारी अस्पताल का निरीक्षण कर कोरोना से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। अपर स्वास्थ्य निदेशक ने सरकारी अस्पताल में आईसीयू वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट बच्चों का कोरोना वार्ड और अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि कोरोना के उपचार से संबंधित सभी उपकरण काम कर रहे हैं। ऑक्सीजन भी पर्याप्त मात्रा है। इस मौके पर प्रभारी सीएमएस डॉ. पीके चंदोला, डॉ. पंकज शर्मा आदि शामिल थे।