मंत्री जोशी ने अस्पताल में पाई खामी तो कैंट सीईओ को लगाई फटकार
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए बुधवार को गढ़ी कैंट स्थित छावनी परिषद जनरल अस्पताल का निरीक्षण किया। कैंट बोर्ड इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर संचालित कर रहा है। मंत्री को यहां कई खामियां मिलीं और एक भी मरीज नजर नहीं आया। उन्होंने कैंट के सीईओ को फटकार लगाते हुए कहा कि 28 जनवरी तक व्यवस्था नहीं सुधरी तो कैंट बोर्ड से रिकवरी की जाएगी।
बुधवार को मंत्री गणेश जोशी दोपहर 12 बजे के करीब कैंट अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव सिंह से पूछा कि यहां मरीज क्यों नहीं आते हैं। इतने पर वहां मौजूद स्थानीय लोगों ने कहा कि ये अस्पताल बहुत महंगा है। यहां मरीजों से मनमाना पैसा वसूला जाता है। इसलिए यहां कोई आना नहीं चाहता है। लोगों ने मंत्री से अनुरोध किया कि इस अस्पताल को पहले की तरह ही संचालित किया जाए। मंत्री ने सीईओ से पूछा कि मरीजों से ओपीडी शुल्क कितना लिया जाता है। सीईओ के बताने से पहले ही अस्पताल संचालक ने कहा कि 90 रुपये की पर्ची बनाई जाती है। इस पर मंत्री भड़क गए। उन्होंने सीईओ से कहा कि मैं आपके अलावा और किसी को नहीं जानता हूं। आप जिम्मेदार हैं। आप बताएं जब अन्य सरकारी अस्पतालों में 28 रुपये की पर्ची बनाई जाती है तो यहां 90 रुपये क्यों लिए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस अस्पताल पर काफी बजट खर्च किया है, ताकि मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके। जबकि, कैंट बोर्ड ने इस आधुनिक अस्पताल को मात्र 63 हजार रुपये महीने पर एक कंपनी को दे दिया है। मंत्री ने कहा कि एक माह में व्यवस्था में सुधार नहीं किया तो बजट व उपकरण की रिकवरी की जाएगी।
मंत्री के सामने लोगों ने किया कैंट बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन
इस दौरान मंत्री के सामने ही लोगों ने कैंट बोर्ड के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष विष्णु प्रसाद गुप्ता ने कहा कि अस्पताल निर्माण में कैंट कर्मचारियों के साथ ही क्षेत्रवासियों ने भी काफी सहयोग किया था। कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने जनता के साथ धोखा करते हुए अस्पताल को एक निजी कंपनी को दे दिया। जो मरीजों से ज्यादा पैसा वसूलती है। गोरखाली सुधार सभा की मीडिया प्रभारी प्रभा शाह और कैंट बोर्ड की पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र कौर सोंधी ने कहा कि वे खुद अपने परिजनों का उपचार कराने इस अस्पताल आ चुकी हैं। महंगे उपचार की वजह से वापस जाना पड़ा।
अस्पताल को किराये पर देना गड़बड़ की तरफ कर रहा इशारा : जोशी
मंत्री जोशी ने कहा कि सीएमओ मनोज उप्रेती के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है। जो जनता के हित में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल का संचालन होगा। मंत्री ने कहा कि सरकार ने जो सुविधाएं प्रदान की हैं वो किसी को किराये पर या ठेके पर नहीं दी जा सकती हैं। सौ बेड के इस अस्पताल को बहुत कम किराये पर संचालन के लिए देना किसी गड़बड़ की तरफ इशारा करता है। इसकी भी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले भी अस्पताल में सुधार के निर्देश दिए गए हैं लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई।