रींगस में पार्षदों ने ईओ को सौंपा ज्ञापन:प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टा देने की मांग, कहा-पालिका अध्यक्ष का मामला विचाराधीन
रींगस नगर पालिका कार्यालय में बुधवार की शाम को पार्षदों ने पहुंचकर नगर पालिका अधिशासी अधिकारी सीताराम कुमावत को ज्ञापन देकर प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टे देने की कार्रवाई जारी रखने की मांग की है। पार्षदों ने ज्ञापन में बताया कि नगर पालिका रींगस में अध्यक्ष पद का मामला राजस्थान उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। जिससे गत 5 माह से नगरपालिका की ओर से आम जनता को पट्टे जारी नहीं किए जा रहे है।
इस मामले में स्वायत्त शासन विभाग जयपुर के संज्ञान में लाने पर निदेशक ने 12 दिसंबर को भूमि/एफ-7 डीएलबी ने अभियान के दौरान अधिशासी अधिकारी रींगस को नगर पालिका के नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति होने तक एकल हस्ताक्षर से पट्टे जारी करने के लिए अधिकृत किया है। कुछ पार्षदों ने इस आदेश को गलत बताते हुए एकल हस्ताक्षर से पट्टे जारी करने का विरोध करते ज्ञापन दिया था, जो आम जनता में राज्य सरकार की भावनाओं के खिलाफ है।
एकल हस्ताक्षर पट्टे जारी रखकर आम जनता को राहत देने के लिए पार्षद मोतीराम डीएम जांगिड़, महेश कुमार गुप्ता, सीताराम, अमित कुमावत, हरदयाल बलौदा, आरती सैन अखिलेश भातरा, राकेश शर्मा भादूपोता, लोकेश कुमावत, बाबूलाल राजोरिया आदि ने ईओ को ज्ञापन सौंपा।
नगर पालिका अध्यक्ष हरिशंकर निठारवाल ने बताया कि अधिशाषी अधिकारी सीताराम कुमावत ने 43 पट्टे जारी करने के लिए ही मार्गदर्शन मांगा है। जिससे लग रहा है कि अपने चहेते लोगों को ही पट्टा देने की कार्रवाई की जा रही है, और हमारी भावना है कि पालिका में जमा फाइलों पर पट्टों की कार्रवाई करके सभी को पट्टे दिए जाए। नियमानुसार कार्रवाई के तहत अध्यक्ष और अधिशाषी अधिकारी के हस्ताक्षर हो। तत्कालीन अध्यक्ष अशोक कुमार कुमावत के निर्वाचन को न्यायालय ने तीन संतान प्रकरण में शून्य घोषित कर हरिशंकर निठारवाल को अध्यक्ष पद पर निर्वाचित किया था। इसके बाद भी डीएलबी निदेशक ने एकल पट्टा जारी करने के लिए अधिशाषी अधिकारी को अधिकृत किया है, जो सीधे न्यायालय के आदेश की अवेहलना है।
नगर पालिका के अधिकारी सीताराम कुमावत ने बताया कि नगर पालिका के पार्षदों ने दो दिन में दो बार ज्ञापन दिया है। पहले दिन पार्षदों की ओर से दिए गए ज्ञापन में एकल हस्ताक्षर पट्टा नही देने की, तथा दूसरे दिन दिए गए ज्ञापन में एकल हस्ताक्षर से पट्टा देने की मांग की गई है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी