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जंगली जानवर नहीं करेंगे खेती र्बाद, पर्वतीय जिलों में 130 करोड़ रुपये से की जाएगी फेंसिंग

देहरादून:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जंगली जानवरों से खेती एवं बागवानी की सुरक्षा के उद्देश्य से राज्य के पर्वतीय जिलों में वन सीमा पर फेंसिंग के लिए 130 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था की जाएगी।

इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के विस्तारीकरण के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की भांति मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना आरंभ की जाएगी

उन्होंने कहा कि चीन सीमा से सटे प्रदेश के चार गांव नीती, माणा, मलारी व गुंजी का चयन प्रधानमंत्री वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में हुआ है। इसी तर्ज पर राज्य में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत नेपाल सीमा पर स्थित कुछ गांवों को चिह्नित कर विकसित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा के दौरान उक्त बातें कहीं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत अब 1200 और अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य मिला है।

इनसे स्थानीय व्यक्तियों की आजीविका को कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि पशुबाड़ के अंतर्गत लाभार्थियों को जो 48 हजार रुपये की धनराशि दी जा रही है, उसे बढ़ाने के लिए जल्द प्रस्ताव लाया जाए। सेब एवं कीवी पर मिशन मोड में कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक 15 दिन में इसकी वह स्वयं समीक्षा करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी उचित आनलाइन मार्केटिंग की व्यवस्था की जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत लक्ष्य के सापेक्ष अवशेष आवासों का तेजी से निर्माण किया जाए।

राज्य सरकार के लक्ष्य के अनुसार वर्ष 2025 तक समूहों की 1.25 लाख महिला सदस्यों को लखपति दीदी बनाने के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करने पर भी उन्होंने बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों एवं कार्यदायी संस्थाओं द्वारा जो भवन बनाए जा रहे हैं, उन्हें पर्वतीय शैली में बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अभी तक जिन मामलों में मुआवजे का भुगतान नहीं हुआ है, वह शीघ्र किया जाए।

अमृत सरोवर योजना में राज्य अव्वल

बैठक में जानकारी दी गई कि केंद्र पोषित योजनाओं में मनरेगा के तहत अमृत सरोवर योजना, आधार सीडिंग में उत्तराखंड देश में पहले एवं समय पर भुगतान में तीसरे स्थान पर है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत उत्तराखंड बजट आवंटन, स्वीकृति, रिवाल्विंग फंड तथा सामुदायिक निवेश निधि में प्रथम एवं लखपति दीदी सर्वे में दूसरे स्थान पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में भी उत्तराखंड देश में पांचवें स्थान पर है।

बताया गया कि विगत पांच वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत राज्य में 5838 करोड़ की लागत से 11621 किमी मार्गों का निर्माण किया गया एवं 875 बसावट (गांव) संयोजित की गईं।

राज्य गठन से लेकर वर्ष 2017 तक प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 3994 करोड़ रुपये की लागत से 10243 किमी के कुल 1310 कार्य स्वीकृत हुए एवं 955 बसावट संयोजित की गईं। 2017 से अब तक राज्य में 6375 करोड़ रुपये की लागत से 10034 किमी के कुल 1468 कार्य स्वीकृत हुए एवं 875 बसावट संयोजित की गई हैं।

बीते पांच वर्षों में राज्य में मनरेगा के अंतर्गत प्रतिवर्ष 5.5 लाख परिवारों को रोजगार से जोड़ा गया। 56 प्रतिशत रोजगार महिलाओं को दिया गया। आजीविका पैकेज के अंतर्गत 13500 परिवारों को आजीविका संसाधनों से जोड़ा गया।

दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत विगत पांच वर्षों में 3.49 लाख परिवारों को 52613 समूहों में संगठित किया गया। 38882 समूहों को रिवाल्विंग फंड, 23952 समूहों को सीआइएफ की धनराशि वितरित की गई। 29289 समूह सदस्यों को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया।

मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग की त्रैमासिक पत्रिका आजीविका दर्पण का विमोचन भी किया। बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम, आयुक्त ग्राम्य विकास आनंद स्वरूप, अपर सचिव नितिका खंडेलवाल, उदयराज सिंह, अरुणेंद्र चौहान, योगेंद्र यादव एवं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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