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पहली बार कई हथियार इस युद्ध में सीधे इस्तेमाल हो रहे

रूस-यूक्रेन युद्ध अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। इस युद्ध में यूक्रेन अमेरिका, यूरोप और सहयोगी देशों के लिए टेस्टिंग लैब बन गया है जहां वे अपने हथियारों के इस्तेमाल को परख रहे हैं कि वे कितने कारगर हैं। वास्तव में जितने भी हथियार हैं। उनका पहले कभी भी युद्ध में इस्तेमाल नहीं किया गया है। इस मायने में यूक्रेन वेपंस लैब बन गया है।

अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की इंटेलीजेंस कमेटी के सदस्य जिम हाइम्स का कहना है कि यूक्रेन में जो कुछ सीखने को मिला है, उस पर एक किताब भी लिखी जा सकती है। एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी सेना के लिए यूक्रेन का युद्ध अपने हथियारों के उपयोग के संबंध में जबरदस्त डेटा देने वाला है।

यूक्रेन ने खामियों के लिए समाधान पेश किए
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा कार्यक्रम के डायरेक्टर सेंट जोंस का कहना है कि अमेरिका दो आधुनिक देशों के बीच 21वीं सदी के युद्ध के व्यापक सबक के लिहाज से रूस-यूक्रेन युद्ध को करीब से देख रहा है। पश्चिमी देशों ने हथियारों में खामियों को नोट किया है। वहीं यूक्रेन ने इन खामियों के लिए सस्ते और प्रभावी समाधान पेश किए हैं।

ब्रिटिश थिंकटैंक ने कहा कमजोर साबित हुए स्विचब्लेड ड्रोन
यूक्रेन को दिए गए स्विचब्लेड 300 ड्रोन और दुश्मन के रडार को निशाना बनाने वाले मिसाइल सिस्टम पहली बार युद्ध के मैदान में सीधे उपयोग किए गए। ब्रिटिश थिंकटैंक के अनुसार दोनों युद्ध के मैदान में कमजोर साबित हुए हैं। हल्के वजन वाले एम142 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर यूक्रेन के लिए बेहद प्रभावी रहे हैं। साधारण पिकअप ट्रकों को मोबाइल मिसाइल लॉन्चर में बदल दिया गया है।

स्मार्ट फोन से रूसी ड्रोन गिरा रहे यूक्रेनी, एप भी बनाया
अमेरिका और पश्चिमी देशों के हथियारों से सटीक निशाना साधने के लिए यूक्रेन ने एप विकसित किया है। स्मार्ट फोन की मदद से यह टारगेटिंग टूल बनाया है। जिसका सेना व्यापक इस्तेमाल कर चुपचाप रूसी ड्रोन गिरा रही है। 3डी प्रिंटर स्पेयर पार्ट तैयार कर रहे हैं जिससे युद्ध के मैदान में ही भारी उपकरणों की मरम्मत हो रही है।

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