भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को अपने आखिरी ग्रैंड स्लैम में हार का सामना करना पड़ा है। सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की भारतीय जोड़ी को ब्राजील की लुइसा स्टेफनी और राफेल माटोस ने 6-7, 2-6 के अंतर से हराया। इस हार के साथ ही सानिया के कई सपने टूट गए। वह अपने आखिरी ग्रैंड स्लैम में विजयी विदाई चाहती थीं, लेकिन यह नहीं हो सका। सानिया का बेटा इजहान भी यह मैच देख रहा था और अपने बेटे के सामने वह ग्रैंड स्लैम जीतने का गौरव नहीं हासिल कर पाईं।
सानिया ने फाइनल में हार के बाद कहा कि बेटे के सामने ऑस्ट्रेलियन ओपन का फाइनल खेलना उनके लिए बेहद खास पल हैं। सानिया ने पहले ही एलान कर दिया था कि ऑस्ट्रेलियन ओपन उनका आखिरी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट होगा। उन्होंने इस टूर्नामेंट में दो श्रेणी में हिस्सा लिया था। महिला युगल में सानिया ने कजाखस्तान की अन्ना दानिलिना के साथ जोड़ी बनाई थी, ये दोनों दूसरे दौर में हारकर बाहर हो गई थीं। मिश्रित युगल में सानिया ने रोहन बोपन्ना के साथ मिलकर कमाल किया और फाइनल में जगह बनाई। हालांकि, फाइनल में हार के साथ उनका अपने आखिरी ग्रैंड स्लैम में चैंपियन बनने का सपना टूट गया।
सानिया मिर्जा ने पहली बार 14 साल की उम्र में मिश्रित युगल श्रेणी में भाग लिया था। रोहन बोपन्ना ही उनके पहले पुरुष जोड़ीदार थे और इन दोनों राष्ट्रीय खिताब जीता था। हालांकि, 22 साल पुरानी यह जोड़ी अपने आखिरी ग्रैंड स्लैम में जीत से एक कदम दूर रह गई। 36 साल की सानिया और 42 साल के रोहन अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर हैं। सानिया दो टूर्नामेंट बाद ही संन्यास लेंगी और रोहन भी जल्द ही संन्यास ले सकते हैं।