Sat. Jun 14th, 2025

मुंबई पुलिस ने एक शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया

मुंबई। मुंबई पुलिस की 26 पुलिसकर्मियों की टीम ने एक आरोपी को मुंबई से सटे कल्याण के आंबिवली में ईरानी बस्ती से एक शातिर अपराधी को  गिरफ्तार किया। पुलिस टीम ने बस्ती में घुसने के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल किया। गिरफ्तार आरोपी का नाम मोहम्मद उर्फ ​​संगा जाकिर फर्जद सय्यद है और उसके खिलाफ गुजरात महाराष्ट्र और यूपी में जबरन चोरी और जालसाजी के 27 मामले दर्ज हैं. आरोपी के खिलाफ गुजरात पुलिस ने 2021 में मोक्का एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। वह उस मामले में जमानत पर बाहर है। आरोपी के खिलाफ मुंबई के पश्चिमी उपनगर बोरीवली के एमएचबी पुलिस थाना में तीन मामले दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शनिवार की शाम करीब 5 बजे पुलिस को सूचना मिली कि संदिग्ध आरोपी ईरानी मस्जिद के पास एक चाय की दुकान पर आएगा। इस अभियान को पूरा करने के लिए तुरंत 26 पुलिसकर्मियों की एक टीम बनाई गई जिसमें चारकोप पुलिस स्टेशन बोरवली पुलिस स्टेशन और मलाड पुलिस स्टेशन के अपराध जांच अधिकारी और अपराध जांच दल के लोग शामिल थे। कल्याण से सटे आंबिवली गांव तक पहुंचने के लिए दो एंबुलेंस और दो निजी वाहनों का इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने साथ में पिस्टल और लाठियां भी लेने की योजना बनाई। गांव के बाहर पहुंचकर 26 लोगों को चार वाहनों के तीन दलों में बांटा गया। पुलिस की एक टीम एंबुलेंस लेकर ईरानी बस्ती में दाखिल हुई। एंबुलेंस को आते देख आरोपी ने वहां से भागने की कोशिश की और चिल्लाने लगा कि पूरी बस्ती में पुलिस आ गई है. ईरानी बस्ती में हड़कंप मच गया। दूसरी पुलिस टीम ने आरोपी को भागते देखा। उन्होंने आरोपी को धर दबोचा। इस बीच स्थानीय लोगों ने हर बार की तरह इस बार भी आरोपी को पकड़ने के बाद वहां हंगामा किया और पूरे पुलिस दस्ते को घेरकर  पथराव शुरू कर दिया। स्थानीय लोग आरोपियों को भागने में मदद करने लगे। लेकिन पुलिस पर जानलेवा हमले के बावजूद पुलिसकर्मियों ने आरोपी को रिहा नहीं किया। पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए बड़ी संख्या में जमा लोगों व महिलाओं को किनारे कर दिया। आरोपी को कठिन परिस्थितियों में भी ईरानी बस्ती से पकड़ कर मुंबई ले आई। इस दरम्यान पथराव से पुलिसकर्मियों को भारी चोटें भी आई हैं। आपको बता दें कि आंबिवली की इस ईरानी बस्ती में अब तक अगर कोई पुलिस आती थी और यहां से आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश करती तो बस्ती की सभी महिलाएं एक साथ इकट्ठी हो जाती और पुलिस का विरोध करते हुए पथराव कर आरोपी को छुड़ा ले जाती थी. आलम यह होता है कि ईरानी बस्ती से कोई भी पुलिसकर्मी किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाता। पुलिस पूर्व में ऐसे कई अभियानों में विफल रही है।

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