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पालिका में नहीं जुड़ेंगे 25 गांव, पुराने परिसीमन पर होंगे चुनाव

अल्मोड़ा। अल्मोड़ा नगर पालिका में 25 नए गांव नहीं जुड़ेंगे और यहां पुराने परिसीमन के आधार पर ही निकाय चुनाव होंगे। इन गांवों को जोड़ने के लिए शहरी विकास निदेशालय को भेजे गए प्रस्ताव पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। निर्वाचन आयोग से तय वार्डों के परिसीमन की तिथि बीत चुकी है। ऐसे में अल्मोड़ा में पुराने परिसीमन के आधार पर इस बार चुनाव होना तय है।

कुछ समय पूर्व नगर पालिका ने 25 नए गांवों को पालिका में शामिल करने का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा था जिसे प्रशासन ने शहरी विकास निदेशालय को भेज दिया गया। इन गांवों के लोगों को भी उम्मीद थी उनका गांव पालिका में शामिल होगा और यहां का विकास होगा लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

वार्डों का परिसीमन पूरा करने की तिथि 15 फरवरी बीत चुकी है। यहां से निदेशालय को भेजे गए प्रस्ताव पर तय तिथि तक कोई कार्यवाही नहीं हुई प्रशासन को कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले जबकि इन प्रस्तावों पर जनसुनवाई के बाद आपत्तियां भी दर्ज कराई जानी थीं। ऐसे में यह तय है कि इस बार पालिका में नए गांव नहीं जुड़ सकेंगे और पुराने परिसीमन के आधार पर ही निकाय चुनाव होगा।
नए गांव जुड़ते तो 23.85 वर्ग किमी और बढ़ जाता पालिका का दायरा
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा नगर पालिका का दायरा 9.5 वर्ग किमी में फैला हुआ है और 39,327 की आबादी इसमें शामिल है। 25 नए गांवों के शामिल होने के बाद पालिका का दायरा 23.85 वर्ग किमी बढ़कर 33.35 वर्ग किमी हो जाता। इन गांवों की 17,462 की आबादी भी पालिका में शामिल होती। संवाद

इन गांवों को शामिल करने की है योजना
अल्मोड़ा में कपरसली, खत्याड़ी, सिकुड़ा, सरकार की आली, शैल, अनार, माल, बरसिमी, लोधिया, सरसों, बख, फलसीमा, ठांठ बंगला, गोलना करड़िया, दामूधारा, चितई पंत, सुनारखोला, शैलगूंठ, गरघूट, नैणी, कमस्यार, अथरबाड़ी, थलाड़बाड़ी, रैलातिवारी और भैंसवाड़ा फार्म।
पालिका ने 25 नए गांवों को जोड़ने के लिए प्रस्ताव प्रशासन को उपलब्ध कराया था लेकिन अब तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। यदि ये गांव पालिका में जुड़ते तो निश्चित तौर पर इन क्षेत्रों का भी विकास होता। – प्रकाश चंद्र जोशी, अध्यक्ष, नगर पालिका, अल्मोड़ा।
25 गांवों को नगरपालिका में शामिल करने का प्रस्ताव निदेशालय को भेजा गया था लेकिन इस विषय में अब तक वहां से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। इसी के बाद जनसुनवाई कर आपत्तियां दर्ज की जानी थीं जिनके निस्तारण के बाद ही नए क्षेत्रों को जोड़ा जाता। – चंद्र सिंह मर्तोलिया, एडीएम, अल्मोड़ा

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