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लव या लैंड जिहाद तो योगी स्टाइल में काम तमाम सकल हिंदू समाज’ के नाम पर 29 रैलियां, मंच से मुस्लिमों को धमकी

नेवाली के क्रिकेट ग्राउंड में 5000 लोगों की भीड़ है, सभी के सिर पर भगवा पगड़ी या फिर हाथ में भगवा झंडा है। मंच पर BJP से सस्पेंड चल रहे तेलंगाना से विधायक टी राजा बैठे हैं। मंच पर मौजूद पालघर हिंदू शक्ति पीठ के स्वामी भरतानंद महाराज भीड़ से पूछते हैं- ‘शिवाजी की भूमि पर मस्जिदों की क्या जरूरत है? ‘भूमि जिहाद’ के जरिए हिंदुओं की जमीन हड़पी जा रही है। मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं।’ भीड़ से ‘जय श्री राम’ का नारा गूंजने लगता है।

तारीख: 10 मार्च 2023
जगह: अहमदनगर का श्रीरामपुर
छत्रपति शिवाजी जयंती का समारोह है। मैदान पर हजारों लोगों की भीड़ है, जिनके हाथों में भगवा झंडे हैं। स्टेज से टी राजा बोलते हैं- ‘हमारी बहन-बेटियों को लव जिहाद के नाम पर फंसाया जा रहा है। उन्हें पाकिस्तान, सऊदी अरब और जहां-जहां इस्लामिक राज है, वहां बेचा जा रहा है। महाराष्ट्र में श्रद्धा, रूपाली या फिर उर्वशी को लव जिहाद के नाम पर फंसाया गया। श्रद्धा को दिल्ली में ले जाकर इन ‘हरा*यों’ ने 35 टुकड़े कर दिए।’

टी राजा यहीं नहीं रुकते, आगे कहते हैं- ’ब्राह्मण की लड़की के लिए 5 लाख, राजपूत की लड़की के लिए 4 लाख, OBC, SC-ST की लड़की है तो 2 लाख रुपए, जैन समाज की लड़की 3 लाख रुपए, गुजराती समाज की लड़की के लिए 6 लाख रुपए, सिख लड़की के लिए 7 लाख और मराठी समाज की लड़की के लिए इन ‘लांडों’ ने 5 लाख रुपए का रेट फिक्स किया है।’ मुसलमानों को महाराष्ट्र के इलाकों में ‘लांडा’ कहा जाता है, ये एक तरह की गाली है।

टी राजा इस स्पीच में मुस्लिमों को कॉकरोच कहते हैं। कहते हैं- ‘हमारे हिंदू राष्ट्र में ये तुम्हारी 5 बार की पुकार (नमाज) नहीं होगी। योगी वाले स्टाइल में सबका काम तमाम कर देंगे। बाला साहब ठाकरे ने भी कहा था, देश सुरक्षित रखना है तो देशद्रोही ‘लांडो’ को सीधे गोली मारनी होगी।’

श्रीरामपुर थाना प्रभारी हर्षवर्धन गवली के मुताबिक, इस बयान को लेकर टी राजा पर धारा 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने), 504 (शांति भंग करने) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इस तरह के बयानों वाली 29 रैलियां हो चुकीं
टी राजा सिंह पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में पहले भी जेल भी जा चुके हैं। आजकल वे सकल हिंदू समाज की ओर से हो रहीं ऐसी रैलियों में स्टार चेहरा हैं। पिछले 3 महीने में ‘सकल हिंदू समाज’ महाराष्ट्र के 29 शहरों में ऐसी रैलियां और रोड शो कर चुका है।

इन रैलियों में लव जिहाद, लैंड जिहाद, गौहत्या, धर्मांतरण, नवरात्रों में मुस्लिमों का गरबे में जाना जैसे मुद्दों पर भाषणबाजी होती है। इन भाषणों में निशाने पर मुसलमान होते हैं, उन्हें बार-बार ‘लांडा’ कहकर संबोधित किया जाता है। इन रैलियों के दौरान टी राजा की सुरक्षा में पुलिसवाले भी मौजूद रहते हैं। धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल होता है और पुलिस भी चुपचाप देखती रहती है।

‘सकल हिंदू समाज’ यानी हिंदूवादी संगठनों का ग्रुप
इन रैलियों के राजनीतिक मकसद को समझने के लिए मैंने सबसे पहले सकल हिंदू समाज नाम के इस संगठन की पड़ताल की। ये एक मंच है, जिसे कई हिंदू संगठनों ने मिलकर बनाया है। इनमें विश्व हिंदू परिषद्, बजरंग दल, हिंदू जनजागृति समिति, हिंदू प्रतिष्ठान, दुर्गा वाहिनी, विश्व श्रीराम सेना, राष्ट्रीय श्रीराम संघ और सनातन संस्था इनमें शामिल हैं। इन रैलियों को BJP नेताओं का भी खुला सपोर्ट है।

इन रैलियों में शामिल ज्यादातर लोगों के हाथों में भगवा झंडा, सिर पर भगवा टोपी-पगड़ी और हाथों में ‘लव जिहाद, लैंड जिहाद, धर्मांतरण, गोहत्या’ के बैनर और पोस्टर होते हैं। आधिकारिक तौर पर ऐसी रैलियों का न कोई आयोजक है और न ही कोई एक संगठन, एक चेहरा इसके पीछे है।

ज्यादातर मंचों पर टी राजा और स्वामी भरतानंद नजर आते हैं। जब आयोजक नहीं मिले, तो मैंने तलाशना शुरू किया कि इन कार्यक्रमों का खर्च कौन उठा रहा है।

‘सकल हिंदू समाज’ की पहली रैली पिंपरी में हुई, आयोजक बजरंग दल
महाराष्ट्र में सकल हिंदू समाज की पहली रैली पुणे से सटे पिंपरी चिंचवाड़ जिले में 18 दिसंबर 2022 को हुई थी। 12 नवंबर 2022 को श्रद्धा वालकर हत्याकांड का आरोपी आफताब गिरफ्तार हो चुका था। इस हत्याकांड को ‘लव जिहाद’ का नाम देते हुए जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन हो रहे थे। इसी कड़ी में चिंचवाड़ रेलवे स्टेशन के लहुजी वस्ताद स्मारक के पास ‘सकल हिंदू समाज’ ने ‘हिंदू जन जागृति मोर्चा’ नाम से पैदल मार्च निकाला और जनसभा की।

रैली के आयोजकों में बजरंग दल के जिला संयोजक कुनाल साठे थे। साठे ने ही मंच से लव जिहाद पर भाषण दिया था। मैंने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा- ‘लव/लैंड जिहाद, धर्मांतरण, गोहत्या जैसे कई मुद्दों पर कोई एक हिंदू संगठन बदलाव नहीं ला सकता था, इसलिए सभी हिंदू संगठनों ने मिलकर सकल हिंदू समाज का निर्माण किया। इसका कोई अध्यक्ष नहीं है, न ही इसका कोई रजिस्ट्रेशन है और न ही कोई दफ्तर है। इसमें हिंदुओं से जुड़े सभी संगठन शामिल हैं।’

अब सवाल ये था कि कैसे सभी हिंदू संगठनों को एक साथ, एक मंच पर और एक तरह के मुद्दों पर इतनी आसानी से लाया गया?

इसका जवाब देते हुए कुनाल साठे ने कहा, ‘जब से मैंने हिंदुत्व का काम शुरू किया, तब से लव जिहाद के मुद्दे को सुन रहा था। इसके बाद पिछले साल श्रद्धा वालकर की हत्या की जानकारी मिली। जैसे मराठा आरक्षण और कोपर्डी रेप मामले में अलग-अलग शहरों में लोग सड़कों पर उतरे और सरकारें एक्शन में आईं। उससे सीख लेते हुए श्रद्धा वालकर के मुद्दे पर सभी की आंखें खुल गईं और अब हर दिन के हिसाब से भीड़ बढ़ती जा रही है।’

साठे आगे कहते हैं- ‘हम रैलियों का आयोजन शहरों के हिसाब से कर रहे हैं। हमें लोकल लेवल पर यह पता होता है कि हिंदुत्व के मुद्दे पर कौन से संगठन काम कर रहे हैं। इसके बाद हम सभी संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों की एक जगह मीटिंग करते हैं। इसमें सब कुछ तय होता है। हर व्यक्ति को रैली या सभा के मैनेजमेंट का जिम्मा सौंपा जाता है। सभी को फोन, सोशल मीडिया या दूसरे माध्यमों से पहले जानकारी दी जाती है।’

सकल हिंदू समाज को लोगों से मिल रहा फंड
इन रैलियों के लिए फंड कहां से मिलता है, इस सवाल के जवाब में कुनाल साठे ने कहा- ‘मीटिंग के दौरान समाज के रसूखदार और संपन्न लोगों से चंदा लेते हैं। हम आम लोगों से भी प्रोग्राम के दौरान चंदा लेते हैं। इन कार्यक्रमों के लिए मारवाड़ी, गुजराती और पंजाबी समाज के व्यापारियों ने मदद की है।’

साठे आगे कहते हैं- ‘हमारे देश में गोहत्या को लेकर कानून है, लेकिन लोग पैसे देकर कुछ समय में छूट जाते हैं। ऐसे में हम लव जिहाद, लैंड जिहाद, धर्मांतरण को लेकर कड़े कानून चाहते हैं। हम हिंदू-मुसलमान के बीच शादी के खिलाफ नहीं है, लेकिन हम चाहते हैं कि वे शादी से पहले सारी सच्चाई लड़की के घरवालों को बताएं। धर्मांतरण का कानून बनता है तो सिर्फ हिंदू ही नहीं, सभी धर्म के लोगों को फायदा होगा।’

6 महीने तड़ीपार रह चुका शख्स मुख्य अतिथि
ये रैलियां फिलहाल महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में हो रही हैं। इसे देश के सभी हिस्सों में करने की भी प्लानिंग है। साठे ने सकल हिंदू समाज के लक्ष्य और फंडिंग के मॉडल के बारे में साफ कर दिया था। इसके बाद मैंने अहमदनगर के श्रीरामपुर में उन लोगों से बात की जो 10 मार्च को श्रीरामपुर की रैली में शामिल थे। इसी रैली में टी राजा ने आपत्तिजनक भाषण दिया था।

इस कार्यक्रम में टी राजा के अलावा श्रीराम संघ के अध्यक्ष सागर, रागिनी तिवारी और पुणे के शरद मोहोल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। शरद के खिलाफ पुणे शहर, पिंपरी और ग्रामीण इलाकों में गंभीर अपराध दर्ज हैं और पुलिस ने जुलाई 2022 में उन्हें 6 महीने के लिए तड़ीपार भी किया था।

‘लव से नहीं, लव जिहाद से दिक्कत’
‘लव जिहाद’ के मुद्दे को राजनीतिक रंग देने में लगीं इन रैलियों के बारे में मैंने राष्ट्रीय श्रीराम संघ के अखिल भारतीय प्रवक्ता समीर मालवे से भी बात की। उन्होंने कहा- ‘कुछ दिन पहले मुल्ला कतर नाम का एक आरोपी श्रीरामपुर से अरेस्ट हुआ था। उसकी हिस्ट्री निकाली गई तो पता चला कि उसने 14 साल की बच्चियों को गलत काम के लिए दूसरे देश में बेच दिया था। हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण करवाया था।’

मैंने सवाल किया, क्या आप हिंदू-मुस्लिम शादी के खिलाफ हैं? समीर ने जवाब दिया- ‘दो धर्म के लोगों के बीच लव सही है, लेकिन कोई जाल में फंसा कर गलत काम करवाता है, धर्म परिवर्तन करवाता है तो यह ‘लव जिहाद’ की श्रेणी में आता है। इनके ट्रैप में फंसी लड़की भी अपने स्टेटमेंट में खुद पर हुए अत्याचारों को बताती रही हैं। लव जिहाद की शिकार सभी लड़कियां अंडर एज (नाबालिग) और नासमझ हैं।’

लव जिहाद रोकने के लिए नेटवर्क बना रहे
समीर मालवे आगे बताते हैं- ‘अभी तक कोई स्पेसिफिक हथियार नहीं है, ऐसी चीजों को रोकने के लिए। ऐसा कोई केस आता है, तो हम अपने पर्सनल कॉन्टैक्ट के सहारे इनका पता लगाते हैं और पुलिस को सौंप देते हैं। हमने ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए एक नेटवर्क बनाया हुआ है।’

समीर मालवे बताते हैं- ‘पिछले 6 महीने में राष्ट्रीय श्रीराम संघ ने 40 से ज्यादा लड़कियों को लव जिहाद के चंगुल से आजाद करवाया है। इनमें से कुछ लड़कियां श्रीरामपुर की थीं, कुछ दूसरे शहरों से थीं।’

जिस मंच से टी राजा ने भाषण दिया, उसी से श्रीराम संघ के अध्यक्ष सागर भइया बेग ने भी 10 मार्च को भाषण दिया था।

इस रैली में ये अल्टीमेटम भी दिया गया कि श्रीरामपुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगे। इसके अलावा अहमदनगर का नाम अहिल्याबाई नगर किया जाए।

मुसलमानों ने कौन सी गलती की है, जो ये रैलियां निकाली जा रहीं: अबू आजमी
सकल हिंदू समाज की इन सभाओं पर मैंने दो हिंदू संगठन के लोगों से बात कर ली थी। अब मैंने इन रैलियों पर महाराष्ट्र के मुस्लिम नेताओं से बात की। महाराष्ट्र में बड़े मुस्लिम चेहरे और समाजवादी पार्टी से विधायक अबू आजमी से जब इन कार्यक्रमों पर सवाल किया तो वे बोले- ‘ये (सकल हिंदू समाज) नफरत फैलाकर और हिंदू-मुसलमान करके सिर्फ चुनाव जीतना चाहते हैं।’

‘हमारा सवाल यह है कि यह जो रैली निकल रही है वह किसके खिलाफ निकल रही है? या तो मुस्लिम होंगे या फिर क्रिश्चियन होंगे। मुसलमानों ने कौन सी गलती की है? आपकी क्या मांग है? आप क्या चाहते हैं उनसे?’

अबू आजमी ने आगे कहा- ‘ये लैंड जिहाद और लव जिहाद की बात करते हैं, लेकिन मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि लव जिहाद क्या है? मुख्तार अब्बास नकवी या शाहनवाज हुसैन ने भी हिंदू लड़की से शादी की है, वो कौन सा जिहाद है? 18 साल का हो जाने के बाद कोई भी किसी से शादी कर सकता है। यह हमारे देश का कानून कहता है।’

मुसलमानों के खिलाफ ये सब मौजूदा सरकार करवा रही है
अबू आजमी ने आगे कहा, ‘ये ‘सिर्फ हिंदू राष्ट्र’ का नारा रैलियों में लगाते हैं, ये कहते हैं कि हम जाएंगे और बुर्के वाली को लेकर आएंगे। इन सब बातों का आखिर क्या मतलब है? सरकार की जिम्मेदारी है कि एक समुदाय के प्रति फैलने वाली नफरत को रोके, लेकिन मौजूदा समय में सरकार ही यह सब करवा रही है। संविधान की धज्जियां उड़ा कर खुलेआम हिंदू राष्ट्र बनाने की बात की जा रही है। देश में 20 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम रहते हैं, क्या आप सभी मुसलमानों को मार देंगे और उनका हक छीन लेंगे।’

अबू आजमी आरोप लगाते हैं, ‘जितने बड़े यह आयोजन हो रहे हैं उन्हें देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि इसके पीछे सत्ता में बैठे हुए नेता और लोग शामिल हैं। इसमें शिवसेना, BJP, आरएसएस, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के नेता शामिल हैं। अगर यह लोग पीछे नहीं होते इनके तो महाराष्ट्र में इतनी बड़ी-बड़ी रैलियां कैसे हो जातीं? इन रैलियों में खुलेआम कहा जा रहा है कि मुसलमानों के साथ लेनदेन बंद करो। उन्हें घर मत दो, उन्हें किराए पर घर मत दो।’

मुस्लिम समाज को अब इन रैलियों से डर लगता है
इन नेताओं पर कानूनी कार्रवाई को लेकर अबू आजमी कहते हैं- ‘हम कितने केस दर्ज लें। वे 5 मिनट में ही छूट जाते हैं। जिस तरीके की रैलियां खुलेआम शहर दर शहर की जा रही हैं, उससे मुस्लिम समाज डरा हुआ है। होली के दौरान भी इन लोगों ने जगह-जगह मुस्लिमों को पीटा। खुलेआम मस्जिदों के सामने जाकर डीजे बजा रहे हैं, रैलियां निकाल रहे हैं। मस्जिदों के गुंबद पर जाकर झंडे लगा दे रहे हैं। इनका कुछ नहीं होता है।’

अबू आजमी आगे कहते हैं- ‘ये लोग बेटी बचाओ, बहू लाओ के नाम पर मुसलमानों की लड़कियों को निशाना बनाते हैं। शादी करो, उनका धर्म चेंज करो। रैलियों में यह खुलेआम कहते हैं कि जो लड़का मुस्लिम लड़की लेकर आएगा उसे ₹2 लाख इनाम दिया जाएगा।’

महाराष्ट्र विधानसभा में भी ‘लव जिहाद’ पर बवाल
लव जिहाद, धर्मांतरण और हिंदू-मुसलमान का मुद्दा सिर्फ सड़क पर ही नहीं उठाया जा रहा है, बल्कि महाराष्ट्र विधानसभा में भी इसको लेकर कई बार हंगामा हो चुका है। महाराष्ट्र में जारी बजट सत्र के दौरान 10 मार्च को राज्य के महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा कि राज्य में लव जिहाद के एक लाख से ज्यादा मामले दर्ज हैं।

इसका विरोध करते हुए शुक्रवार को विधानसभा में सपा के अबू आजमी, NCP के जितेंद्र आव्हाड ने उनसे मांफी मांगने के लिए कहा। उधर जलापूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटिल ने कहा कि जो लोग सोचते हैं कि लव जिहाद जैसी कोई चीज नहीं है, उन्हें हमारे गांव में आना चाहिए। हमारे गांव में भी ऐसे दो मामले हो चुके हैं।

BJP मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने भी कहा कि लोढ़ा को क्यों हिंदू बहनों के लिए बोलने के लिए माफी मांगनी चाहिए? विपक्ष के नेता अजित पवार से भी शेलार भिड़ गए। हालांकि, अजित पवार के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ। BJP विधायक अतुल भातखलकर ने एक निजी बिल पेश किया है, जिसके तहत धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है।

इन सभाओं के खिलाफ बापू के परपोते ने कम्प्लेंट की
महाराष्ट्र में होने वाली ‘सकल हिंदू समाज’ की इन रैलियों पर रोक लगाने के लिए 22 फरवरी को महात्मा गांधी फाउंडेशन (MGF) ने नवी मुंबई पुलिस कमिश्नर को लेटर लिखा है। MGF के प्रेसिडेंट और महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने दैनिक भास्कर से कहा कि ‘इन रैलियों में खुलेआम घृणा का संदेश दिया जा रहा है। एक जिम्मेदार नागरिक होते हुए मेरी यही आपत्ति है।’

मुसलमानों के खिलाफ ये सब मौजूदा सरकार करवा रही है
अबू आजमी ने आगे कहा, ‘ये ‘सिर्फ हिंदू राष्ट्र’ का नारा रैलियों में लगाते हैं, ये कहते हैं कि हम जाएंगे और बुर्के वाली को लेकर आएंगे। इन सब बातों का आखिर क्या मतलब है? सरकार की जिम्मेदारी है कि एक समुदाय के प्रति फैलने वाली नफरत को रोके, लेकिन मौजूदा समय में सरकार ही यह सब करवा रही है। संविधान की धज्जियां उड़ा कर खुलेआम हिंदू राष्ट्र बनाने की बात की जा रही है। देश में 20 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम रहते हैं, क्या आप सभी मुसलमानों को मार देंगे और उनका हक छीन लेंगे।’

अबू आजमी आरोप लगाते हैं, ‘जितने बड़े यह आयोजन हो रहे हैं उन्हें देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि इसके पीछे सत्ता में बैठे हुए नेता और लोग शामिल हैं। इसमें शिवसेना, BJP, आरएसएस, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के नेता शामिल हैं। अगर यह लोग पीछे नहीं होते इनके तो महाराष्ट्र में इतनी बड़ी-बड़ी रैलियां कैसे हो जातीं? इन रैलियों में खुलेआम कहा जा रहा है कि मुसलमानों के साथ लेनदेन बंद करो। उन्हें घर मत दो, उन्हें किराए पर घर मत दो।’

मुस्लिम समाज को अब इन रैलियों से डर लगता है
इन नेताओं पर कानूनी कार्रवाई को लेकर अबू आजमी कहते हैं- ‘हम कितने केस दर्ज लें। वे 5 मिनट में ही छूट जाते हैं। जिस तरीके की रैलियां खुलेआम शहर दर शहर की जा रही हैं, उससे मुस्लिम समाज डरा हुआ है। होली के दौरान भी इन लोगों ने जगह-जगह मुस्लिमों को पीटा। खुलेआम मस्जिदों के सामने जाकर डीजे बजा रहे हैं, रैलियां निकाल रहे हैं। मस्जिदों के गुंबद पर जाकर झंडे लगा दे रहे हैं। इनका कुछ नहीं होता है।’

अबू आजमी आगे कहते हैं- ‘ये लोग बेटी बचाओ, बहू लाओ के नाम पर मुसलमानों की लड़कियों को निशाना बनाते हैं। शादी करो, उनका धर्म चेंज करो। रैलियों में यह खुलेआम कहते हैं कि जो लड़का मुस्लिम लड़की लेकर आएगा उसे ₹2 लाख इनाम दिया जाएगा।’

महाराष्ट्र विधानसभा में भी ‘लव जिहाद’ पर बवाल
लव जिहाद, धर्मांतरण और हिंदू-मुसलमान का मुद्दा सिर्फ सड़क पर ही नहीं उठाया जा रहा है, बल्कि महाराष्ट्र विधानसभा में भी इसको लेकर कई बार हंगामा हो चुका है। महाराष्ट्र में जारी बजट सत्र के दौरान 10 मार्च को राज्य के महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा कि राज्य में लव जिहाद के एक लाख से ज्यादा मामले दर्ज हैं।

इसका विरोध करते हुए शुक्रवार को विधानसभा में सपा के अबू आजमी, NCP के जितेंद्र आव्हाड ने उनसे मांफी मांगने के लिए कहा। उधर जलापूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटिल ने कहा कि जो लोग सोचते हैं कि लव जिहाद जैसी कोई चीज नहीं है, उन्हें हमारे गांव में आना चाहिए। हमारे गांव में भी ऐसे दो मामले हो चुके हैं।

BJP मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने भी कहा कि लोढ़ा को क्यों हिंदू बहनों के लिए बोलने के लिए माफी मांगनी चाहिए? विपक्ष के नेता अजित पवार से भी शेलार भिड़ गए। हालांकि, अजित पवार के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ। BJP विधायक अतुल भातखलकर ने एक निजी बिल पेश किया है, जिसके तहत धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है।

इन सभाओं के खिलाफ बापू के परपोते ने कम्प्लेंट की
महाराष्ट्र में होने वाली ‘सकल हिंदू समाज’ की इन रैलियों पर रोक लगाने के लिए 22 फरवरी को महात्मा गांधी फाउंडेशन (MGF) ने नवी मुंबई पुलिस कमिश्नर को लेटर लिखा है। MGF के प्रेसिडेंट और महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने दैनिक भास्कर से कहा कि ‘इन रैलियों में खुलेआम घृणा का संदेश दिया जा रहा है। एक जिम्मेदार नागरिक होते हुए मेरी यही आपत्ति है।’

75 साल के केएस ईश्वरप्पा 13 मार्च को एक सभा में बोले- ‘क्या अल्लाह बहरा है, जो उन्हें बुलाने के लिए लाउडस्पीकर पर चिल्लाना पड़ता है। अजान की आवाज से मुझे सिरदर्द होता है।’ ईश्वरप्पा राज्य की रथयात्रा पर हैं। दैनिक भास्कर से बात करते हुए ईश्वरप्पा ने कहा- ‘चुनाव के बाद हमारी सरकार आई तो सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर तुरंत हटवाएंगे। इसकी वजह से स्टूडेंट्स से लेकर पेशेंट तक, सब परेशान हैं।’

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