50 फीसदी राशि खर्च न होने पर पंचायतों का बजट रोका
रुद्रपुर। ग्रामीण क्षेेत्रों के विकास कार्यों के लिए 15वें वित्त आयोग से मिले बजट का 50 फीसदी खर्च न होने पर केंद्र सरकार ने दूसरी किस्त रोक दी है। बृहस्पतिवार को पंचायती राज निदेशक आनंद स्वरूप ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
ग्राम पंचायतों और जिला पंचायतों में विकास कार्यों व स्वच्छता अभियानों के लिए जनवरी में 15 वें वित्त आयोग से वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली किस्त जारी हुई थी। इसके तहत जिले की 376 ग्राम पंचायतों को 15,39,96000 का बजट मिला था जिसमें टाइड श्रेणी में 9,26,67000 व अनटाइड श्रेणी में 6,13,29000 बजट का था।
इसके अलावा जिले के 35 जिला पंचायत क्षेत्रों के लिए चार करोड़ आठ हजार रुपये का बजट मिला था, जिसमें टाइड श्रेणी में दो करोड़ 45 लाख व अनटाइड श्रेणी में एक करोड़ 63 लाख रुपये का बजट था।
बता दें कि 15वें वित्त आयोग से पंचायतों को साल में दो बार टाइड व अनटाइड श्रेणी में केंद्र सरकार दो बार बजट देती है। बजट की पहली वित्तीय वर्ष के छह माह से पहले मिल जाती है, लेकिन इस पहली किस्त भी 10 वें माह में मिली थी। कम समय शेष रहने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों बजट का 50 फीसदी खत्म नहीं हो सका।
ऊधम सिंह नगर जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह कहते हैं कि केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि पहले बजट का 50 फीसदी धनराशि खत्म होने के बाद ही दूसरा बजट जारी होगा, इतनी धनराशि खत्म नहीं हो सकी थी। उन्होंने बताया कि पंचायती राज निदेशक की ओर से इस संबंध में वीसी की गई है।
अप्रैल में मिल सकती है दूसरी किश्त
रुद्रपुर। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र सरकार से समय पर बजट न मिलने के कारण इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित रहे। वित्तीय वर्ष समाप्त होने से करीब तीन माह पहले पहली किस्त मिलने के कारण पूरा बजट भी विकास कार्यों में खर्च न होने से दूसरी किस्त रुक गई। अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल में दूसरी किस्त मिल सकती है।
पंचायतों के सॉफ्टवेयर के ठीक से काम न करने और अधिकारियों की लापरवाही के चलते पंचायतों में कार्य समय पर पूरे नहीं हो रहे हैं। इसके अलावा 15वें वित्त की पहली किस्त का बजट भी समय पर नहीं मिल पाया, जबकि दूसरी किस्त का बजट आज तक नहीं मिला है। बजट की दूसरी किस्त जारी करने की मांग करेंगे। – भास्कर सम्मल, प्रदेश अध्यक्ष, ग्राम प्रधान संगठन उत्तराखंड