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दिसंबर तक बन जाएगा लोहाघाट का स्टेडियम

चंपावत। चंपावत जिले के पहाड़ी क्षेत्र को अगले सात महीने में पहला स्टेडियम मिल जाएगा। लोहाघाट में निर्माणाधीन स्टेडियम को दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बनने से युवाओं को खेल प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त आधारभूत सुविधाएं मिलेंगी। राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की राह भी खुलेगी उत्तराखंड बनने के बाद चंपावत जिले में पहला स्टेडियम लोहाघाट में मंजूर हुआ। लोहाघाट के सुंई गांव में छह हेक्टेयर जमीन पर 2015 में स्टेडियम का काम शुरू हुआ। 1092.68 लाख रुपये की लागत वाले इस स्टेडियम का काम आठ साल में भी पूरा नहीं हो सका है। स्टेडियम को दिसंबर 2021 तक पूरा होना था। बजट मिलने में देरी और निम्न गुणवत्ता की वजह से काम में देरी हुई। कार्यदायी संस्था उप्र राजकीय निर्माण निगम ने कहा कि बजट मिलने में देरी से काम में देरी हुई। अब तक सुरक्षा दीवार, ट्रैक, टेरिस कटिंग, मैदान समतलीकरण, ड्रेनेज निर्माण, ब्रिक वर्क, बहुउद्देश्यीय भवन के भूतल निर्माण सहित 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। एई पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि बहुउद्देश्यीय भवन की दूसरी मंजिल, भूमिगत पानी की टंकी सहित छुटपुट बचा काम अगले छह महीने में पूरा करा लिया जएगा। स्टेडियम में खेले जाएंगे दस से अधिक खेल
चंपावत। लोहाघाट के खिलाड़ी इस वक्त शिक्षा विभाग के खेल मैदान में प्रशिक्षण लेते हैं। जीआईसी के मैदान में जगह की कमी आड़े आती है। इस साल के अंत तक स्टेडियम बनने से आधारभूत सुविधाएं बढ़ने के साथ खेल प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं के आयोजन में मदद मिलेगी। लोहाघाट में एथलेटिक्स, फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट, वॉलीबॉल, हैंडबॉल, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, मुक्केबाजी और कराटे का प्रशिक्षण और प्रतियोगिताएं हो सकेंगी। जिले का एकमात्र स्टेडियम टनकपुर में है जो 1998 में बनकर तैयार हुआ था।
स्टेडियम का काम दो साल पहले पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन कार्यदायी संस्था की ओर से हुई देरी से काम अभी तक लटका है। उप्र निर्माण निगम को इस साल के अंत तक हर हाल में काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। -बीसी पंत, जिला क्रीड़ाधिकारी, चंपावत।

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