Wed. Apr 30th, 2025

बदरीनाथ-हेलंग-मारवाड़ी बाईपास के निर्माण पर लगी रोक हटी, इन शर्तों के साथ शुरू होगा काम

चमोली जिले के तहत जोशीमठ में बदरीनाथ यात्रा और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण शीघ्र शुरू होगा। शासन ने बाईपास निर्माण पर लगी रोक हटाते हुए चमोली जिला प्रशासन को काम शुरू कराने की सशर्त अनुमति दे दी है। इस संबंध में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।

जोशीमठ में भूधंसाव होने के कारण हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण कार्य पांच जनवरी को रोक दिया गया था। तब से बाईपास के निर्माण को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इस संबंध में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से बाईपास का निर्माण शीघ्र शुरू कराने की अनुमति देने का अनुरोध शासन से किया गया था।

बाईपास निर्माण की सशर्त मंजूरी
शासन की ओर से बाईपास निर्माण शुरू कराने के लिए आईआईटी रुड़की, लोनिवि और टीएचडीसीआईएल के विशेषज्ञों से सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा गया था। तीनों संस्थानों के विशेषज्ञों की ओर से 11 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई थी। इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए बीआरओ शिवालिक रेंज के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर प्रसन्ना एस जोशी की ओर से बाईपास का निर्माण शीघ्र शुरू कराने का अनुरोध किया गया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जोशीमठ भूधंसाव का हेलंग मारवाड़ी बाईपास के निर्माण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके बाद सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा की ओर से इस संबंध में आयुक्त गढ़वाल मंडल, जिला प्रशासन और बीआरओ को पत्र लिखकर बाईपास निर्माण की सशर्त मंजूरी दे दी गई।

इन शर्तों के साथ शुरू होगा बाईपास का निर्माण कार्य

1. बाईपास का निर्माण शुरू कराने से पहले बीआरओ और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) के अधिकारी अपने स्तर से सभी जरूरी जांचें और परीक्षण करेंगे।

2. बीआरओ और केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की ओर से निर्माण से पूर्व और निर्माण के दौरान सभी आपदा न्यूनीकरण संबंधी उपायों को अच्छी तरह पखा जाएगा, ताकि निर्माण के कारण जोशीमठ भूधंसाव पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
3. इसके अलावा इस संबंध में किसी भी न्यायालय की ओर से कोई आदेश पारित हो तो उसका भी संज्ञान लिया जाएगा।

इनका कहना है 
आईआईटी रुड़की, लोनिवि और टीएचडीसीआईएल के विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर हेलंग-मारवाड़ी बाईपास के निर्माण की सशर्त अनुमति दी गई है। संबंधित एजेंसियां (मोर्थ और बीआरओ) अपने स्तर पर भी सभी पहलुओं की जांच कर परीक्षण करेंगी। इस संबंध में जिला प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया है। – डॉ.रंजीत सिन्हा, सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग

22 अप्रैल को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट (पीडीएनए) की टीम ने जोशीमठ में सर्वे का काम किया था। रिपोर्ट उत्तराखंड शासन को मिल चुकी है। इसमें आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आवास और पुनर्वास, स्थानीय अवसंरचना, सार्वजनिक भवन, नागरिक सुविधाओं, पेयजल, सफाई, पर्यटन, आपदा जोखिम न्यूनीकरण, रिकवरी कंस्ट्रक्शन पर रिपोर्ट दी गई है। सचिव डॉ.सिन्हा ने बताया कि रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद इसे पुन: एनडीएमए और गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। इसके बाद ही केंद्र ही ओर से राहत पैकेज पर फैसला लिया जाएगा

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