रेनवाटर हार्वेस्टिंग और भू-जल को बढ़ाने के उपाय जरूरी

गंगोलीहाट (पिथौरागढ़)। साइंस आउटरीच कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने रेनवाटर हार्वेस्टिंग और भू-जल स्तर को बढ़ाने के उपायों को भविष्य के लिए जरूरी बताया। जीबी पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय पंतनगर के प्रो. पीएस महर ने कहा कि आज धरती पर एक तरफ जहां भूमिगत जल की भारी कमी हो गई है वहीं जो जल बाहर है उसका भी प्रदूषण का स्तर भयावह स्थिति में पहुंच चुका है। इसका मुख्य कारण बढ़ता औद्योगीकरण और अंधाधुंध निर्माण कार्य है। सरकार और तकनीकी संस्थान आज नहीं चेते तो आने वाले समय में सारी दुनिया में पीने के पानी का संकट हो जाएगा।
हिमालयन ग्राम विकास समिति में आयोजित साइंस आउटरीच कार्यक्रम में बुधवार को प्रो. बीडी लखाचौरा ने कहा कि प्राणियों के बाहरी रंगरूप, आकार प्रकार, पोषक इत्यादि में भिन्नता है, लेकिन आनुवंशिक समानता है। जनरल विपिन रावत पर्वतीय विकास शिक्षणालय के निदेशक प्रो. आनंद सिंह जीना ने जीन की अवधारणा पर जानकारी दी। बीएस कोरंगा ने छात्रों को मनोरंजक तरीके से ठोस ज्यामिति के मूलभूत सिद्धांतों, आकृतियों के फलन, क्षेत्रफल, आयतन निकालने के सूत्रों की जानकारी दी। जवाहर लाल साइंटिफिक रिसर्च सेंटर बेंगलुरू के प्रो. ईश्वामूर्ति ने रसायन विज्ञान पर जानकारी दी। इस मौके पर विद्या प्रसाद भट्ट, गया पाठक, त्रिभुवन बिष्ट, प्रकाश भट्ट को गणित कक्षाओं के संचालन में सहयोग करने के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में संस्थाध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट, पंकज पांडेय, हीरा सिंह साही, किशोर पाटनी, दिनेश भट्ट, मोहन धामी, डॉ. पी कुमार, बीना निरौला, दीपा खाती, राखी, सोनिया, बसंत गिरी, कविता, संस्था के एलडी नट्ट, जगत दसौनी, विनीत जोशी मौजूद रहे