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सेहतमंद खेती के लिए जरूरी है जैविक खेती

चंपावत। प्रगतिशील किसान और संदर्भदाता नरेंद्र मेहरा ने कहा कि रासायनिक खाद का उपयोग किए बिना अधिक पैदावार कर अधिक आय की जा सकती है। लडवाल फाउंडेशन और सोसायटी फॉर एम्पिरल एक्शन एंड रिसर्च की ओर से चंपावत में उन्नत खेती विषय पर रविवार को हुई कार्यशाला में संदर्भदाता मेहरा ने गेहूं और हल्दी की पैदावार का उदाहरण देते हुए कहा कि जैविक खेती टिकाऊ और सेहतमंद है। उनकी ओर से विकसित एन 9 गेहूं को दूसरे राज्यों में भी बुवाई के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

बागवान और ग्रामोद्योग समिति के टीएस बिष्ट ने मौनपालन, मशरूम उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण विषय की जानकारी देते हुए इन्हें कृषि की मुख्य सहयोगी गतिविधि बताया। इससे न्यूनतम जोखिम में अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। उत्तराखंड में प्राकृतिक रूप से निर्मित अच्छे शहद की विदेशों में भी मांग है। हिमालयी विकास समिति चल्थी के मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि हस्तशिल्प, डेयरी उत्पादन से कई युवा स्वरोजगार की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं।

उद्यान निरीक्षक निधि जोशी ने बताया कि बीज और यंत्रों की खरीद पर उद्यान विभाग अनुदान दे रहा है। पशु चिकित्साधिकारी दीपक कुमार ने पशुओं में बीमारी की रोकथाम की जानकारी दी। डॉ. शरत चंद्र जोशी ने सभी का आभार जताया। कार्यक्रम में डॉ. भुवन चंद्र जोशी, प्रकाश जोशी शूल, मनोज सिंह बोहरा, दान सिंह महर, विजय जोशी, गणेश महर, देव सिंह पुजारी, किशोर राम, नीरज जोशी, अमित तड़ागी, महेश ढेक, नीरज बिष्ट, प्रकाश जोशी आदि शामिल थे

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