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दून अस्पताल में आयुष्मान योजना में लापरवाही बरत रहे चिकित्सक, तीन सदस्यीय हुई समिति गठित

देहरादून,  दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के चिकित्सक आयुष्मान योजना में भी लापरवाही बरत रहे हैं। कई सर्जरी में पैकेज कोड तक डबल दिए जा रहे हैं। वहीं, औषधि एवं इंप्लांट आदि एक से अधिक सर्जरी के लिए मंगाए जा रहे है। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने इन शिकायतों का संज्ञान लेकर एक तीन सदस्य समिति गठित कर दी है

प्राचार्य ने मंगलवार को आयुष्मान योजना के संबंध में विभागाध्यक्ष व अन्य कर्मियों की बैठक ली। इस दौरान आयुष्मान योजना से संबंधित व्यवस्थाओं को अधिक सुदृढ़ बनाने पर विचार-विमर्श हुआ। प्राचार्य ने चिकित्सकों को सख्त हिदायत दी कि मरीजों को केवल जेनेरिक दवा ही लिखें। इस दौरान बताया गया कि कई आयुष्मान पैकेज दरें कम हैं, जबकि खर्च कहीं अधिक आ रहा है। डबल कोडिंग व निर्धारित से अधिक सामान मंगवाने की भी शिकायत की गई।

तीन सदस्यीय समिति गठित

प्राचार्य ने इस पर तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। यह समिति स्थिति का मूल्यांकन, यूनिट व चिकित्सक से स्पष्टीकरण लेकर मामले का निस्तारण करेगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि आयुष्मान योजना से संबंधित कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और प्रत्येक माह डाटा बैठक में रखा जाए। विभागवार डाटा निकाल उसकी समीक्षा की जाए। आयुष्मान प्रभारी प्रतिदिन समस्त विभागाध्यक्ष से बात कर समस्याओं का समाधान करें।

चिकित्सालय में आईसीयू बेड बढ़ाने के लिए जगह तलाशने और इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को कम से कम 12 घंटे अथवा डे केयर में भर्ती कर आयुष्मान का लाभ देने के भी निर्देश प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने दिए। उन्होंने कहा कि आकस्मिकता की स्थिति में आयुष्मान योजना में भर्ती मरीजों के अल्ट्रासाउंड, कलर डॉपलर आदि जांच अनुबंधित आउटसोर्स एजेंसी से कराई जाए। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डा. यूसुफ रिजवी, उप चिकित्सा अधीक्षक डा. धनंजय डोभाल, प्रशासनिक अधिकारी दीपक राणा, आयुष्मान प्रभारी दिनेश सिंह रावत सहित तमाम विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

प्राचार्य ने लाभार्थी सुविधा एजेंसी (बीएफए) कर्मियों से अधिक काम लिए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। आयुष्मान योजना में भर्ती मरीजों को लेकर उनकी पूरी जवाबदेही होगी। उनके भर्ती होने से लेकर औषधि आदि के इंडेंट आदि पर आयुष्मान कार्यालय एवं नोडल अधिकारी से हस्ताक्षर, इसे आयुष्मान औषधि भंडार में जमा करना और दवाओं को भर्ती मरीज व चिकित्सक तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उनकी होगी।

इसके साथ-साथ मरीज की जांच आदि के जीरो बिल कटवाकर भी वह वार्ड तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि बीएफए कर्मियों को वॉकी-टॉकी उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वह वार्ड में भर्ती मरीज व संबंधित चिकित्सक की समस्या का त्वरित निस्तारण कर सकें। बीएफए कर्मी वार्डों में जाकर मरीज का फीडबैक भी लें। बल्कि उनकी विभागवार वार्डों में ड्यूटी लगाई जाए।

राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों के लिए अस्पताल में अलग विंग तैयार होगी। जहां गोल्डन कार्ड धारकों को डीलक्स, सेमी डीलक्स के साथ ही प्राइवेट वार्ड की भी सुविधा मिलेगी। इस श्रेणी में आने वाले लाभार्थियों को ग्रेड-पे के हिसाब से वार्ड आवंटित किए जाएंगे।

प्राचार्य ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बाबत मानव संसाधन आदि का निर्धारण कर लें। कहा कि उक्त वार्ड मानकानुसार सुसज्जित किए जाएंगे, जिसका संपूर्ण वित्तीय भार योजना से अर्जित क्लेम की राशि से किया जाएगा।

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