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उच्च शिक्षा के छात्रों को कौशल विकास प्रशिक्षण की तैयारी

हल्द्वानी। उच्च शिक्षा ले रहे युवाओं में रोजगार योग्यता बढ़ाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण देने की तैयारी है। प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में कौशल विकास पाठ्यक्रम इसी साल लागू किए जाने हैं। पहले चरण में 10 जिलों के 10 महाविद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे लागू किया जाएगा। प्रयोग सफल होने के बाद दूसरे चरण में सभी महाविद्यालयों में इसकी शुरुआत होगी। इसके लिए प्रत्येक महाविद्यालयों में कौशल विकास केंद्र खोलने के साथ उनके नोडल भी नियुक्त कर दिए गए हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा विभाग ने उत्तराखंड कौशल विकास मिशन के सहयोग से 20 जॉब रोल में छात्रों को कौशल विकास पाठ्यक्रम देने का प्रस्ताव रखा है। ये पाठ्यक्रम निशुल्क संचालित किए जाएंगे। इसके लिए भारत सरकार के सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) का सहयोग लिया जाएगा। जॉब रोल का प्रशिक्षण देने के लिए ट्रेनर एसएससी से आएंगे। पहले चरण में प्रत्येक महाविद्यालय में एक जॉब रोल उपलब्ध कराया जाएगा। उपयोगिता के हिसाब से महाविद्यालयों में जॉब रोल दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन को उच्च शिक्षा में लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है।

इन महाविद्यालयों में होगी शुरुआत

नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, उधमसिंहनगर, चंपावत, उत्तरकाशी, देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग जिलों के एक-एक महाविद्यालय में प्रथम चरण में कौशल विकास पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे।

कौशल विकास पाठ्यक्रमों के अंतर्गत 20 जॉब रोल तैयार किए गए हैं। स्मॉल ऑर्गेनिक कल्टिवेटर, डेयरी फार्मर, बीकीपर, मशरूम ग्रोवर, सेल्फ इंप्लॉइड टेलर, असिस्टेंट ब्यूटी थेरेपिस्ट, योगा इंस्ट्रक्टर, जीएसटी असिस्टेंट, एलईडी लाइट रिपेयर टेक्नीशयन, जैम जैली एंड कैचप प्रोसेसिंग टेक्नीशियन, पंचकर्म टेक्नीशियन, डोमेस्टिक डाटा एंट्री ऑपरेटर, इनवेंट्री मटीरियल मैनेजर, सेक्रेटरी, फिटनेस ट्रेनर, सेल्फ डिफेंस, फ्रंट ऑफिस ट्रेनी, कोमिस सैफ, होम स्टे होस्ट, नेचुरलिस्ट (वाइल्ड लाइफ ट्यूरिज्म) जॉबरोल्स शामिल हैं।

क्रेडिट स्कोर सिस्टम के अनुसार कौशल विकास पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। प्राप्त क्रेडिट को एबीसी पोर्टल में स्थानांतरित किया जाएगा। स्नातक के छात्रों को दो साल तक एक ही जॉब रोल का प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे छात्र विशेषज्ञता हासिल कर सकें। चार सेमेस्टर प्रोग्रेसिव मोड पर संचालित होंगे। नई शिक्षा नीति के तहत कौशल विकास पाठ्यक्रम चुनना सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगा। कौशल विकास पाठ्यक्रम पढ़ने के बाद छात्रों के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। सेक्टर स्किल काउंसिल के जरिए कंपनियों से करार किया जाएगा। रोजगार मेले के माध्यम से छात्रों को जॉब रोल से संबंधित रोजगार मुहैया कराया जाएगा।

छात्रों को व्यावहारिक कौशल और प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार क्षमता को बढ़ाना।
उच्च शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों की उद्यमिता और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना।
छात्रों को प्रशिक्षण देने के साथ ही रोजगार मेलों के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराना।

प्रत्येक महाविद्यालय में कौशल विकास केंद्र खोलने के साथ उनके नोडल भी नियुक्त हो गए हैं। इसका मकसद युवाओं की रोजगार योग्यता को बढ़ाना और ऐसे कौशल प्रदान करना है जिससे युवा अपना रोजगार स्वयं स्थापित कर सकें।
डॉ. सीडी सूंठा, उच्च शिक्षा निदेशक

पहले चरण में 10 जिलों के 10 महाविद्यालयों में इसकी शुरुआत की जा रही है। दूसरे चरण में प्रदेश के सभी सरकारी महाविद्यालयों में इसकी शुरुआत की जाएगी। कौशल विकास प्रशिक्षण देने के बाद छात्रों की प्लेसमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
एसके सिंह, स्टेट नोडल ऑफिसर, स्किल डेवलपमेंट

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