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सगंध पौधों के तेल की देश-विदेश में भारी मांग

गरुड़/बागेश्वर। सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) पुरुड़ा में सगंध पौधों की खेती और विपणन पर वृहद संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि सीमैप लखनऊ के डाॅ. प्रमोद कुमार त्रिवेदी ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में सगंध पौधों की खेती के लिए जलवायु अति उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि सगंध पौधों की विलुप्त प्रजातियों को बचाने के लिए हम सब को आगे आना होगा। संगोष्ठी में पिथौरागढ़, चमोली, अल्मोड़ा, पौड़ी, बागेश्वर जिले के प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।

सीमैप के निदेशक डाॅ. त्रिवेदी ने कहा कि सगंध पौधों की खेती कर किसान अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सगंध पौधों की खेती करने वाले किसानों को संस्थान हरसंभव मदद करेगा। उन्होंने कहा कि सगंध पौधों से निकलने वाले तेल की भारत के साथ विदेशों में काफी मांग है। उन्होंने किसानों को कृषि तकनीक, विपणन, फसल की कटाई विपणन रणनीति की जानकारी दी। उन्होंने सगंध पौधों की खेती करने वाले किसानों से समूह बनाकर आगे बढ़ने के लिए कहा। संगोष्ठी का संचालन करते हुए सीमैप के तकनीकी अधिकारी प्रवल प्रताप सिंह ने सीमैप संस्थान पुरुड़ा की जानकारी दी।

संगोष्ठी में सीडीआईआर लखनऊ के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. ऋतु त्रिवेदी, सीमैप पुरुड़ा के प्रभारी वैज्ञानिक आरसी पलड़िया, डॉ. आरके उपाध्याय, डॉ. दीपेंद्र कुमार, डॉ. आरके वर्मा, डॉ. मनोज सेमवाल, हिमालय स्टडी सेंटर कौसानी के थ्रीश कपूर, काफल प्रोड्यूसर कंपनी ग्वालदम की दर्शना पाठक आदि ने विचार रखे।

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