पहाड़ के वाहनों को मिलेगी राहत, वहीं खुलेंगे छोटे ऑटोमेटेड फिटनेस स्टेशन
अगले साल अक्तूबर से वाहनों की फिटनेस जांच के लिए ऑटोमेटिक फिटनेस स्टेशन (एटीएस) शुरू होने जा रहा है। इसके लिए पहाड़ के जिलों के वाहनों को मैदानी जिलों में आने की जरूरत नहीं होगी। परिवहन विभाग पर्वतीय जिलों में हर आरटीओ, एआरटीओ कार्यालय के क्षेत्र में छोटे एटीएस बनाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारी माल वाहनों और भारी यात्री वाहनों के लिए ऑटोमेटेड फिटनेस जांच एक अप्रैल 2023 से अनिवार्य की थी। मध्यम माल वाहनों, मध्यम यात्री मोटर वाहनों और हल्के मोटर वाहनों के लिए यह तिथि एक जून 2024 तय की गई थी। इस बीच उत्तराखंड में देहरादून के डोईवाला और रुद्रपुर में एटीएस बनकर तैयार हो गए थे। बाद में मंत्रालय ने इसमें संशोधन कर दिया था।
भारी माल वाहनों, यात्री मोटर वाहनों, मध्यम माल वाहनों, मध्यम यात्री मोटर वाहन और हल्के मोटर वाहन (परिवहन) की फिटनेस जांच एटीएस से एक अक्तूबर 2024 से अनिवार्य होगी। ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर के लिए ज्यादा जमीन की जरूरत पड़ती है क्योंकि एक साथ बड़ी संख्या में वाहनों की फिटनेस जांच हो सकती है।
उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां इतर हैं। लिहाजा, परिवहन विभाग ने तय किया है कि पर्वतीय जिलों में कम जमीन पर छोटे एटीएस बनाए जाएंगे। इससे इन जिलों के वाहन स्वामियों को वाहनों की जांच के लिए मैदानी जिलों में आने की जरूरत नहीं होगी। परिवहन विभाग हर संभाग के उप संभागीय क्षेत्रों में ये छोटे एटीएस बनाएगा।