हाइड्रोपोनिक तकनीक से किया पालक का उत्पादन
नैनीताल। उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद (हल्दी) ने निकटवर्ती पटवाडांगर क्षेत्र में हाइड्रोपोनिक तकनीक से पालक की खेती की है। इस उपलब्धि के लिए संस्थान का नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज किया गया है। उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद हल्दी में मंगलवार को नेशनल कांफ्रेंस ऑन बायोटेक्नोलॉजिकल इंटरवेंशन इन द एनीमल प्रोडक्शन एंड मैनेजमेंट में डॉ. शिव प्रसाद किमोठी, कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल एएसआरबी के सदस्य, डाल चंद्र क्षेत्रीय संगठन मंत्री अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम उत्तर क्षेत्र व प्रायोजक संस्था फाउंडेशन के चेयरमैन कौशल कुमार ने उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक प्रो. संजय कुमार और परिषद के बाह्य शोध केंद्र पटवाडांगर के प्रभारी डाॅ. सुमित पुरोहित को राष्ट्रीय सेमीनार में सम्मानित किया गया। इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड, वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस की ओर से प्रमाण पत्र और मेडल भी दिया गया। इससे पूर्व उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद् के निदेशक प्रो. डाॅ. संजय कुमार एवं वैज्ञानिक डाॅ. सुमित पुरोहित ने हाइड्रोपोनिक विधि से 30 सेंटीमीटर लंबी पालक उगाकर उन्हें एशियन वर्ल्ड रिकॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
डाॅ. सुमित पुरोहित ने कहा कि उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक प्रो. संजय कुमार के मार्गदर्शन में यह संभव हो पाया है। बताया कि हाइड्रोनिक विधि से विकसित पालक में लगभग सभी आवश्यक पोषक तत्व विद्यमान हैं। इन 13 तत्वों को पानी में मिलाया जाता है और पानी का पीएच मान 5.86 तक रखा जाता है जिसके फलस्वरूप इस प्रकार की उन्नत और पौष्टिक पालक तैयार की जाती है। इस दौरान उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद की वैज्ञानिक डाॅ. कंचन कार्की, डाॅ.मणिंद्र शर्मा, डाॅ. अमित पुरोहित, जितेंद्र, अनुज, सौरभ और चंद्रशेखर मौजूद रहे