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Durand Cup: 27 साल बाद डूरंड कप फुटबॉल टूर्नामेंट में होगी विदेशी टीमों की वापसी, चार शहरों में होंगे मैच

घरेलू सत्र के शुरुआती टूर्नामेंट डूरंड कप के आयोजकों ने शुक्रवार को कहा कि 27 साल बाद एशिया के इस सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट में विदेशी टीमों की वापसी होगी। डूरंड कप दुनिया का तीसरा सबसे पुराना फुटबॉल टूर्नामेंट है, जिसमें देश भर के शीर्ष भारतीय फुटबॉल क्लब भाग लेते हैं। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित डूरंड कप तीन अगस्त से कोलकाता में शुरू होने वाले 132वें चरण में 24 टीमें हिस्सा लेंगी। इसमें नेपाल, भूटान और बांग्लादेश की टीमें भी शामिल हैं।  टूर्नामेंट के आयोजकों ने शुक्रवार को ट्रॉफी टूर शुरू किया जिसे थलसेना प्रमुख मनोज पांडे, वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने हरी झंडी दिखाई। कोलकाता के अलावा मैच गुवाहाटी, कोकराझार और शिलांग में कराए जाएंगे। यह टूर्नामेंट तीन अगस्त से तीन सितंबर के बीच कोलकाता में खेला जाएगा। फाइनल तीन सितंबर को कोलकाता में होगा

डूरंड कप टूर्नामेंट अनोखा है जहां विजेता टीम तीन ट्रॉफियां लेकर जाती हैं। विजेता टीम को डूरंड कप, शिमला ट्रॉफी और प्रेसिडेंट्स कप दी जाती है। शिमला ट्रॉफी पहली बार 1904 में शिमला के निवासियों द्वारा दी गई थी। वहीं, प्रेसिडेंट्स कप को पहली बार 1956 में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद द्वारा प्रस्तुत किया गया था।

अगले एक महीने में ट्रॉफी टूर कार्यक्रम के तहत तीन ट्रॉफियां देश भर में घूमेंगी। ट्रॉफी का प्रदर्शन शिमला, उधमपुर, जयपुर, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, कोकराझार, गुवाहाटी और शिलांग जैसे कुछ प्रमुख शहरों में होगा।

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