राज्य में फिर नेतृत्व परिवर्तन की तैयारी, गुरु-चेले के बीच बगावत
एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामा देश की औद्योगिक नगरी महाराष्ट्र में शुरू हो चुका है। दावा किया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में यदि आंकड़ा हासिल होता है तो महाराष्ट्र में अजीत पवार नए मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। इसका मुख्य कारण महाराष्ट्र में चाचा भतीजा के बीच बगावत को माना जा रहा है। शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और दावा किया है कि एनसीपी के अधिकांश विधायक उनके समर्थन में हैं। महाराष्ट्र में किसी राजनीतिक परिवार में बगावत का यह पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पूर्व ठाकरे परिवार में भी राजनीतिक प्रभुत्व को लेकर बगावत के सुर सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार अपने भतीजे अजीत पवार के राजनीतिक गुरु भी माने जाते हैं।
महाराष्ट्र में अब सवाल उठ रहे हैं कि एनसीपी का मुख्य नेता शरद पवार हैं या फिर अजीत पवार? अजित पवार का दावा है कि उनके पास 35 से 40 विधायकों का समर्थन है। अगले कुछ हफ्तों में महाराष्ट्रीय राजनीतिक लड़ाई बेहद दिलचस्प दौर में पहुंचेगी क्योंकि जहां एक तरफ एकनाथ शिंदे अपनी स्थिति को लेकर अडिग है, और मंत्रिमंडल विस्तार करने जा रहे है, तो वही विधायकों की उठापटक का किस्सा महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री का नाम फाइनल करेगा।
एनसीपी के खेमे में फिलहाल 53 विधायक हैं जिनमें से यदि 36 टूट जाते हैं और अजीत पवार के साथ चले जाते हैं तो पार्टी का पावर गेम अजित पवार के हाथों में आ जाएगा। अजित पवार दावा कर रहे हैं कि 40 विधायक उनके साथ हैं और एनसीपी उनकी है। उधर महाराष्ट्र में उठापटक के इस दौर से शरद पवार काफी परेशान हैं और उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि गैर भाजपा शासित प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी यही काम करती है।
उधर अजित पवार की बगावत के बाद यह मामला अब महाराष्ट्र विधानसभा एवं चुनाव आयोग तक पहुंच गया है। एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अजित पवार समेत मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी नौ विधायकों को दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित करने की मांग की है। उन्होंने इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को पत्र लिखा था। इस बारे में चुनाव आयोग को भी एक ईमेल भेजा गया है। वही पार्टी छोड़कर जाने वाले नौ विधायकों को 5 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया गया है, स्थिति पर ना लौटने पर उन्हें नोटिस भेज दिया जाएगा।
महाराष्ट्र का यह राजनीतिक घटनाक्रम विपक्ष की एक मंच पर आने की मुहिम पर भी व्यापक असर डालेगा क्योंकि यदि एनसीपी टूटती है तो विपक्ष की एकता को एक बड़ा झटका लगेगा। शरद पवार तीसरे मोर्चे के एक महत्वपूर्ण समर्थक है, तो वही उनके भतीजे अजित पवार ना केवल अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं बल्कि वह देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर नए समीकरणों को भी बलवती कर रहे हैं