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बलियानाला पहाड़ी के ट्रीटमेंट को 177 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक मंजूरी

हल्द्वानी। 156 साल से दरक रही बलियानाला पहाड़ी के मर्ज को ठीक करने के लिए शासन से 177 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। पहाड़ी के ट्रीटमेंट में 172 करोड़ रुपये खर्च होंगे जबकि पांच करोड़ रुपये से पर्यटन विकास संबंधी कार्य किए जाएंगे। इसके अलावा डीएम के प्रस्ताव पर यूटिलिटी शिफ्टिंग, स्कूल पुनर्स्थापन और पुनर्वास के लिए अलग से 17.25 करोड़ की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। सिंचाई विभाग ने प्रथम चरण के कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए हैं। पहाड़ी के ट्रीटमेंट संबंधी कार्य मानसून के बाद शुरू किए जाएंगे। सिंचाई विभाग का दावा है कि जल्द ही इसका शासनदेश जारी होगा।

अंग्रेजों के जमाने से ही बलियानाला पहाड़ी नासूर बनी हुई है। वर्ष 1867 में बलियानाले में पहले भूस्खलन का रिकॉर्ड दर्ज है। ब्रिटिश सरकार ने भी इसके ट्रीटमेंट के कार्य किए थे जो टिक नहीं पाए। वर्षों से हो रहे भूस्खलन से हरिनगर और आस-पास का क्षेत्र खतरे की जद में है। बलियानाला पहाड़ी के ट्रीटमेंट के लिए अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं लेकिन समधान नहीं हो सका। अब इसके ट्रीटमेंट के लिए हाईटेक तकनीक का सहारा लिया जाएगा। सभी पहलुओं को देखते हुए इसका टिकाउ समाधान निकालने का दावा सिंचाई विभाग कर रहा है।

प्रथम चरण में 17.25 करोड़ रुपये से यूटिलिटी शिफ्टिंग, स्कूल के पुनर्स्थापन, पुनर्वास संबंधी कार्य करने के बाद सड़क निर्माण किया जाएगा। मानसून के बाद 172 करोड़ रुपये की लागत से पहाड़ी के ट्रीटमेंट संबंधी कार्य होंगे। पांच करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन संबंधी कार्य होंगे। इन कार्यों को मुख्य सचिव की ओर से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है।
संजय शुक्ला, मुख्य अभियंता, सिंचाई विभाग

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