सायरन से पहुंचाया जाएगा आपदा संबंधी अलर्ट
रुद्रपुर। प्रदेश में आपदा को लेकर संवेदनशील जगहों पर मल्टी हजार्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने की कवायद की जा रही है। इससे आपदा संबंधी अलर्ट को सायरन के जरिए क्षेत्र के लोगों तक समय रहते पहुंचाया जा सकेगा। राज्य आपदा विभाग की ओर से सभी जिलों को सिस्टम लगाने के लिए चिह्नित जगहाें के प्रस्ताव मांगे गए हैं। ऊधमसिंह नगर जिला प्रशासन की ओर से आठ तहसीलों में 66 जगहों पर सिस्टम लगाने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है।
संभावित अतिवृष्टि, बाढ़, भूकंप, भूस्खलन, बर्फबारी आदि की चेतावनी संवेदनशील जगहों पर पहुंचाने के लिए सटीक व्यवस्था नहीं है। प्रशासन की ओर से विभिन्न माध्यमों से लोगों तक सूचनाएं पहुंचाई जाती हैं। कई बार बाढ़ चौकियों में तैनात कर्मचारी ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों के माध्यम से सूचनाएं पहुंचाने का कार्य किया जाता है। कई बार समय पर सूचना नहीं मिलने पर लोगों की जान आफत में पड़ जाती है। इसको देखते हुए शासन ने केरल की तर्ज पर जिलों में मल्टी हजार्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने का फैसला किया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में पहले चरण में 200-250 जगहों पर सिस्टम लगाए जाएंगे।
इस सिस्टम खासियत है कि अलग-अलग आपदाओं में सायरन की आवाज भी अलग होगी। इसके साथ ही जहां सिस्टम लगेगा, वहां पर मिनी कंट्रोल रूम भी बनेगा। इसके अलावा सिस्टम जिले में बने कंट्रोल रूम से भी जुड़ा होगा। ऊधमसिंहनगर में रुद्रपुर स्थित आपदा कंट्रोल रूप में सायरन लगा हुआ है लेकिन इसका दायरा बहुत दूर तक नहीं है।
मल्टी हजार्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रस्ताव देने के निर्देश दिए थे। इसके अनुपालन में दिए गए मानकों के आधार पर आठ तहसीलाें में 66 जगहों को चिह्नित कर प्रस्ताव प्राधिकरण को भेज दिया गया है। – उमाशंकर नेगी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी
किच्छा में 15 स्थान चिह्नित रुद्रपुर। जिले में मल्टी हजार्ड अली वार्निंग सिस्टम के लिए सबसे अधिक किच्छा में 15 जगह चिह्नित की गई हैं। काशीपुर तहसील में 11, नानकमत्ता में 10, जसपुर में सात, सितारगंज, गदरपुर और रुद्रपुर में पांच-पांच जगह चिह्नित हैं। बाजपुर में चार और खटीमा में तीन जगह सिस्टम लगाए जाएंगे।