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अल्ट्रासाउंड से आईसीयू में शीघ्र उपचार में मिलती है मदद : डॉ. चौहान

हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन देहरादून और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के संयुक्त तत्वावधान में क्रिटिकल केयर में अल्ट्रासाउंड की भूमिका पर कार्यशाला आयोजित की गई। विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को क्रिटिकल केयर में अल्ट्रासाउंड की प्रचलित विधियों के बारे में बताया।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेंद्र डोभाल ने कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए चिकित्सा विज्ञान में अल्ट्रासाउंड और साक्ष्य आधारित चिकित्सा के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने उच्च प्रौद्योगिकी गैजेट्स पर आधारित कम लागत वाले उपचार को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया। डॉ. विजेंद्र चौहान ने कहा कि अल्ट्रासाउंड पहले निदान स्थापित करने में मदद करता है। जिससे आईसीयू में शीघ्र उपचार में मदद मिलती है। . राहुल चौहान ने अल्ट्रासाउंड की मूल बातें बताईं। डॉ. सोनिका अग्रवाल और डॉ. शांतनु बेलवाल ने फेफड़ों के अल्ट्रासाउंड के बारे में व्यावहारिक अनुभव साझा किया।

डॉ. सोनू सामा और डॉ. वीणा बोसवाल ने इकोकार्डियोग्राफी और हेमोडायनामिक के बारे में बताया। डॉ. मंजू केदारनाथ, डॉ. ममता और डॉ. मुक्ता सिंह, डॉ. नंद किशोर और डॉ. विनायक ने अल्ट्रासाउंड की मदद से धमनी लाइन, सेंट्रल लाइन डालने जैसी आक्रामक प्रक्रियाओं के संबंध में व्यावहारिक अनुभव का प्रदर्शन किया। डॉ. आशीष और डॉ. चिन्मय ने बाल रोग विशेषज्ञों के बीच अल्ट्रासाउंड के संबंध में जानकारी दी। आयोजन अध्यक्ष डॉ. दीपक गोयल ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यशाला का आयोजन स्टेट ऑफ आर्ट स्किल्स एवं सिमुलेशन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में किया गया। कार्यशाला में मेडिकल पीजी, नर्स प्रैक्टिशनर्स, आईसीयू नर्सों और सलाहकारों ने भाग लिया। कार्यशाला के दौरान डॉ. सुशीला शर्मा, डॉ. एसएल जेठानी, डॉ. गिरीश गुप्ता, डॉ. अर्चना प्रकाश और डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. सोनिका अग्रवाल आदि मौजूद रहे

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