चंपावत। जिले में पहली बार महाकाली नदी में राष्ट्रीय स्तर की राफ्टिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। पर्यटन विभाग की ओर से प्रतियोगिता की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
विभाग की ओर से पहली बार 27 सितंबर से तीन दिनी राष्ट्रीय स्तर की राफ्टिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। महाकाली नदी में चूका से बूम तक सामान्य राफ्टिंग के साथ ही मैराथन राफ्टिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसमें देश भर के राफ्टिंग दल के अलावा विदेशी राफ्टर भी प्रतिभाग करेंगे। महाकाली नदी से लगे पूर्णागिरि मार्ग पर चरण मंदिर से बूम और ठुलीगाढ़ तक चार चरणों में राफ्टिंग का आयोजन किया जाएगा।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा का निर्धारण करने वाली महाकाली नदी में पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता कराई जा रही है। इस प्रतियोगिता को कराने का उद्देश्य पर्यटन और साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के साथ स्थानीय लोगों को स्वरोजगार की तरफ आकर्षित करना है।
उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से विशेषज्ञों से कराए गए निरीक्षण में महाकाली नदी को राफ्टिंग प्रतियोगिता के लिए उपयुक्त पाया गया है जो राष्ट्रीय स्तर की राफ्टिंग चैंपियनशिप के लिए सुरक्षा की दृष्टि से अनुकूल भी है। प्रतियोगिता के सफल संचालन के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से उत्तरकाशी जिले के साहसिक खेल अधिकारी और राफ्टिंग विशेषज्ञ मोहम्मद अली खान को चंपावत भेजने के आदेश जारी किए गए हैं।
अब तक 150 से अधिक राफ्टर करा चुके हैं पंजीकरण
चंपावत। पर्यटन विभाग की ओर से चंपावत जिले में पहली बार आयोजित की जा रही राष्ट्रीय राफ्टिंग प्रतियोगिता को लेकर अब तक देश विदेश के 150 से अधिक राफ्टर विभाग की वेवसाइट पर पंजीकरण करा चुके हैं। जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि प्रतियोगिता में अलग-अलग वर्गों में 40 स्वर्ण पदक, 40 रजत पदक और 40 कांस्य पदक दिए जाएंगे। सभी प्रतिभागियों के ठहरने के लिए टनकपुर में निजी होटल और रेस्टोरेंट आरक्षित किए गए हैं।