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12 अक्टूबर को विवि का आएगा आर्थिक मदद का फैसला

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कैम्पस में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय छात्रावास में बीते माह 19 सितंबर को भदोही निवासी बीटेक थर्ड ईयर के स्टूडेंट के प्रशांत पांडेय ने आत्महत्या के मामले में शुक्रवार को विवि के कुलपति कार्यालय में मृतक छात्र के परिजनों के साथ पचास लाख की मदद व सरकारी को लेकर गहमागहमी होती रही। जब कुलपति ने मांग को नकारती रही। अंत में परिजनों की आर्थिक स्थिति खराब को देखते हुए शासन को पत्र भेजने की बात कर कह कर आगामी 12 अक्टूबर तक इंतजार करने के लिए कहा है। वही मृतक के छात्र के समर्थन में विवि के छात्र नजर आए। गेट बंद होने के बाद भी वह कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे रहे।

परिजनों की मांग के समर्थन में तमाम स्टूडेंट लीडर भी उनके साथ कुलपति के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए।  काफी देर तक गहमा गहमी का माहौल बना रहा और हंगामा भी चलता रहा। सीओ सिविल लाइन भी हंगामा बढ़ता देख पुलिस फोर्स के  साथ मौके पर पहुंचे। छात्र नेताओं को शांत करने की कोशिश की गई, वहीं मृतक छात्रा के परिजनों को कुलपति से मिलवाया गया इस दौरान परिजनों ने फिर से अपनी मांग दोहराई जिस पर कुलपति ने पहले तो उन्हें पूरी तरह से इस मुद्दे पर कुछ भी मदद करने से इनकार कर दिया। लेकिन जब बाहर स्टूडेट लीडर और छात्रों का हंगामा होते देखा तो उन्होंने फिलहाल 12 अक्टूबर को होने वाली अहम बैठक में मृतक छात्र की मांग को रखने का भरोसा दिलाया।वहीं मृतक छात्रा के परिजन और रिश्तेदार भी अपनी मांग को लेकर बार बार में लिखित में जवाब मांग रहे थे, बाद में छात्रों को समझा बुझाकर शांत किया गया। वहीं सीओ सिविल लाइंस अरविंद चौरसिया ने  भरोसा दिलाया कि वह फिलहाल शांत रहें। 12 अक्टूबर में होने वाली बैठक तक इंतजार करें।

मृतक के परिजनों का और रिश्तेदारों का कहना है  उनके बेटे की मौत को 18 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है वहीं उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय प्रबंधन की तरफ से किसी भी तरह का कोई संपर्क भी उनसे नहीं साधा गया। हालांकि छात्र के परिजनों ने यह  यह भी स्वीकार किया कि विश्वविद्यालय आर्थिक मदद के साथ साथ जो फीस थी उसे जरूर वापिस कर दिया है।

भदोही से अपने रिश्तेदारों के साथ यूनिवर्सिटी पहुंचे

दिवंगत छात्र के पिता नागेश पांडे  ने बताया कि  कुल दो लाख 63 हजार 800 रूपये विश्वविद्यालय की तरफ से लौटाए हैं। फिलहाल इस पूरे मामले में छात्र नेताओं  ने भी स्पष्ट तौर पर कहा कि वह पूरी तरह से इस परिवार के साथ हैं। 12 अक्टूबर तक वह इंतजार कर रहे हैं उसके बाद जैसे भी छात्र के परिजनों का आदेश होगा वह उनके साथ खड़े मिलेंगे।

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