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बीमा क्लेम के आठ लाख रुपये आठ फीसदी ब्याज के साथ अदा करने का आदेश

नैनीताल। जिला उपभोक्ता आयोग ने एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को बीमा पाॅलिसी के रूप में विपक्षी को आठ लाख रुपये का भुगतान आठ फीसदी वार्षिक दर से साधारण ब्याज के साथ एकमुश्त अदा करने के आदेश दिए हैं। हल्द्वानी निवासी सुनीता आनंद के पति ने एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से एसबीआई लाइफ फ्लेक्सी स्मार्ट प्लस पॉलिसी क्रय की थी जो 16 अगस्त 2018 से पांच वर्ष के लिए प्रभावी थी और इसकी परिपक्वता राशि 7 लाख 50 हजार रुपये थी। इसमें बीमाधारक की मृत्यु होने पर बीमा कंपनी को मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये भुगतान करना था। आयोग को बताया गया कि परिवादिनी के पति ने दो साल तक नियमित बीमा प्रीमियम का भुगतान किया। आठ जुलाई 2020 को पति की मृत्यु हो गई। तत्पश्चात सुनीता आनंद ने कंपनी के समक्ष बीमा क्लेम प्रस्तुत किया लेकिन बीमा कंपनी ने क्लेम को निरस्त करते हुए बीमा पॉलिसी की शर्त व दशाओं के अनुसार पॉलिसी प्रीमियम की धनराशि के दो लाख रुपये लौटा दिए। इसके अतिरिक्त परिवादिनी को बीमा कंपनी ने किसी तरह का क्लेम नहीं दिया। जिस पर सुनीता आनंद ने जिला उपभोक्ता आयोग में वाद दायर किया। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल, सदस्या विजयलक्ष्मी थापा व सदस्य लक्ष्मण सिंह रावत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद बीमा कंपनी को आदेश दिए हैं कि वह डेढ़ माह की अवधि में परिवादिनी के पति की अवशेष बीमा राशि आठ लाख रुपये आठ प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्याज के साथ एकमुश्त अदा करें। आयोग ने बीमा कंपनी को परिवादिनी को मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के रूप में बीस हजार रुपये, वाद व्यय के रूप में दस हजार रुपये का भुगतान अलग से करने को कहा है। आयोग ने बीमा कंपनी की ओर से मामले में प्रस्तुत फर्जी व कूटरचित अभिलेखों की रचना कर पत्रावली में प्रस्तुत करने तथा अनुचित व्यापारिक व्यवहार की पद्धति का अनुसरण करने पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

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