राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना चरण दो शुरू करने की मंजूरी, जानें बड़े फैसले
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में युवाओं को सशक्त बनाने व स्वच्छ ऊर्जा पहल को आगे बढ़ाने के दृष्टिगत सौर ऊर्जा के दोहन के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के चरण-2 को शुरू करने का निर्णय लिया गया। यह योजना 100 किलोवाट से 500 किलोवाट तक क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं (एसपीपी) को स्थापित करने पर केंद्रित है। योजना राज्य के अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने में मील पत्थर साबित होगी। यह योजना 21 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं को उद्यमशीलता के अवसर प्रदान करने के साथ कौशल विकास को प्रोत्साहित करेगी। योजना के तहत प्रतिभागियों को तीन बीघा भूमि पर 100 किलोवाट क्षमता की परियोजना स्थापित करने के लिए 25 वर्षों तक लगभग 20,000 रुपये मासिक आय और क्रमशः पांच और दस बीघा भूमि में स्थापित की जाने वाली 200 किलोवाट और 500 किलोवाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए 40,000 रुपये व एक लाख प्रतिमाह मासिक आय प्राप्त होगी। योजना के तहत, वित्तपोषण में राज्य सरकार द्वारा 70 प्रतिशत बैंक ऋण उपलब्ध करवाने में सहायता और राज्य सरकार द्वारा 30 प्रतिशत इक्विटी प्रदान की जाएगी। सौर ऊर्जा डेवलपर को केवल 10 प्रतिशत जमानत राशि जमा करवानी होगी। यह जमानत राशि 25 वर्षों के बाद डेवलपर को वापस कर दी जाएगी। मंत्रिमंडल ने 8 जनवरी 2024 से पूरे राज्य में सरकार गांव के द्वार शुरू करने को भी स्वीकृति प्रदान की। इस दौरान 12 फरवरी 2024 तक गांवों के समूहों में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद किया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल ने दिव्यांग बच्चों के लिए भी एक योजना को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बच्चों के लिए एक शिक्षण संस्थान बनाएंगे। जब बच्चा स्कूल कर लेगा, तो उसी स्कूल में एकीकृत शिक्षा दी जाएगी। वहीं, एक एकीकृत संस्थान खोला जाएगा। उसी संस्थान में स्कूल-कॉलेज भी बनाए जाएंगे। इससे श्रेष्ठ शिक्षा मिलेगी। सुक्खू ने कहा कि पिछले वर्ष के पहले दिन उन्होंने अनाथ बच्चों के संबंध में एक बात कही थी। इसे धरातल पर लाया गया।