प्रदेश में अब पुलिस प्रशिक्षण के लिए यातायात निदेशालय की तर्ज पर प्रशिक्षण निदेशालय बनाया जाएगा। इस निदेशालय को प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार दिए जाएंगे। इसके साथ ही सीमावर्ती राज्यों में प्रशिक्षण संस्थानों की जनशक्ति और प्रशिक्षण मॉड्यूल आदि का अवलोकन भी किया जाएगा।
डीजीपी अभिनव कुमार ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में प्रशिक्षण अनुभाग के कार्यों की समीक्षा की। इसमें डीआईजी प्रशिक्षण बरिंदरजीत सिंह ने पुलिस प्रशिक्षण की संस्थाओं की जनशक्ति, आधारभूत संरचना और चुनौतियों व भविष्य की कार्य योजना पर प्रस्तुतिकरण दिया। एडीजी प्रशासन ने सीमावर्ती प्रदेशों के प्रशिक्षण संस्थानों की जनशक्ति और प्रशिक्षण मॉड्यूल आदि का अवलोकन करने के निर्देश दिए। इस मौके पर डीजीपी ने कहा कि यातायात निदेशालय की तरह प्रदेश में प्रशिक्षण को मजबूत करने के लिए निदेशालय बनाने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही यह अस्तित्व में आ जाएगा। इसके लिए उन्होंने तत्काल प्रभाव से प्रशिक्षण नीति बनाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि पद के अनुसार भूमिका आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि प्रशिक्षण को एचआरएमएस (ह्यूमन रिसॉर्स मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर) से लिंक किया जाए ताकि भविष्य में होने वाले प्रशिक्षणों की सही तरीके से कार्ययोजना तैयार की जा सके। उन्होंने आधुनिक चुनौतियों साइबर क्राइम, फॉरेंसिक साइंस, ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसे विषय में गहन प्रशिक्षण के लिए मास्टर ट्रेनर्स तैयार करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। एसटीएफ, एससीआरबी व एसडीआरएफ आदि इकाइयों का प्रशिक्षण संस्था के रूप में बेहतर ढंग से उपयोग करने को भी डीजीपी ने कहा।