यशस्वी जयसवाल ने की रोहित शर्मा की तारीफ, केएल राहुल ने केपटाउन में मिली जीत का खोला राज
भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज को 1-1 से ड्रॉ कराया। उसने सीरीज के दूसरे मैच में शानदार जीत हासिल की। भारत ने केपटाउन में पहली जीत हासिल करते हुए मेजबान टीम को सात विकेट से हरा दिया। टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल को यह स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज चुनौतीपूर्ण थी। उन्होंने कहा कि भारतीय कप्तान कप्तान रोहित शर्मा ने उन्हें सकारात्मक मानसिकता बनाए रखने में मदद की। सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क और केपटाउन के न्यूलैंड्स की उछालभरी पिचों पर जयसवाल चार पारियों में केवल 50 रन ही बना सके। दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 79 रन के लक्ष्य का पीछा करने के दौरान 23 गेंद में 28 रन की तेज पारी खेलने वाले जयसवाल ने कहा, ”रोहित भाई मुझे सकारात्मक मानसिकता बनाए रखने में मदद करते हैं और हमें नई गेंद के खिलाफ तेजी से रन बनाने की जरूरत है। मैं बस अच्छी शुरुआत देना चाहता था और मेरे दिमाग में यही सब था क्योंकि हमें मैच जीतना था। पिछली तीन पारियों में और इस पारी में भी मैंने यही किया। यह दौरा मेरे लिए सीखने वाला अनुभव रहा है। अलग माहौल और हर मायने में यह एक सुखद अनुभव रहा है। उन सुधारों के बारे में सीखा जो मुझे करने की जरूरत है।” दूसरी ओर, जीत के बाद केएल राहुल ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरुआती टेस्ट में हार के दौरान भारतीय टीम में अतिरिक्त आक्रामकता नहीं थी लेकिन मानसिक बदलाव ने दूसरे टेस्ट में चीजें बदल दीं। भारत सेंचुरियन में पहला टेस्ट पारी और 32 रन से हार गया था लेकिन टीम ने दूसरे टेस्ट में शानदार वापसी की और दो दिन में ही मैच को जीत लिया।
राहुल ने कहा, ”मुझे लगता है कि हम बल्लेबाजी या गेंदबाजी के मामले में अपने पिछले मैच के दौरान वास्तव में शत प्रतिशत नहीं थे। हम तैयार थे लेकिन अतिरिक्त धार या अतिरिक्त आक्रामकता गायब थी। इसका श्रेय दक्षिण अफ्रीका को भी जाता है कि उन्होंने आत्मविश्वास के उस स्तर तक नहीं पहुंचने दिया। केवल योजना और रवैये में थोड़ा सा बदलाव हुआ था। मेरा मतलब है कि हम यह नहीं कह सकते कि हम पिछले टेस्ट मैच के दौरान तैयार नहीं थे। हम तैयार थे लेकिन ऐसी परिस्थितियां होती हैं जहां प्रतिद्वंद्वी वास्तव में आपको मुकाबले से बाहर कर देता है या हम इसके आदी नहीं थे।’