जियो टेक्निकल के साथ ड्रोन से भी किया जा रहा जोशीमठ का सर्वे, रास्तों की मैपिंग में मिलेगी मदद
चमोली। उत्तराखंड में आपदा प्रभावित जोशीमठ में रास्ते समेत अन्य निर्माण कार्यों के लिए जियो टेक्निकल भूगर्भीय सर्वे के साथ ड्रोन से भी सर्वे किया जा रहा है। इस सर्वे के माध्यम से खेत, जंगल, नालों व पैदल रास्तों की मैपिंग की जा रही है, ताकि जोशीमठ के उपचार की योजना बनाते समय शहर के हर कोने की वीडियो मैपिंग विभाग के पास उपलब्ध रहे। आपदा प्रभावित जोशीमठ में छह स्थानों पर जियो टेक्निकल भूगर्भीय सर्वे चल रहा है। इसके तहत 80 मीटर तक खोदाई के बाद पत्थर व मिट्टी का अवलोकन किया जा रहा है।इसी क्रम में अब नगर में ड्रोन से भी सर्व किया जा रहा है। दरअसल, भूंधसाव के बाद जोशीमठ के पुनर्निर्माण को कार्ययोजना बनाने के लिए यह मैपिंग महत्वपूर्ण होगी। इससे चट्टान, घर, पैदल रास्ते, खेत, जंगल आदि का रिकार्ड तैयार किया जाएगा। लोनिवि के अधिशासी अभियंता राजवीर सिंह चौहान ने बताया कि ड्रोन सर्वे मैपिंग के बाद इसकी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। इसी आधार पर पुनर्निर्माण कार्यों की योजना तैयार होगी।
कहा कि ड्रोन सर्वे से नगर की धरातलीय स्थिति का निरीक्षण कर इसका रिकार्ड तैयार किया जाएगा। बताया कि जोशीमठ क्षेत्र के सभी वार्ड, सड़क व अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर ड्रोन सर्वे चल रहा है। अब तक सुनील वार्ड, मनोहरबाग, गांधीनगर व नृसिंह मंदिर वाले क्षेत्र में सर्वे किया जा चुका है।
इससे पहले भी आठ वैज्ञानिक संस्थाओं की टीम जोशीमठ का सर्वे कर चुकी है। भूधंसाव के एक वर्ष बाद भी जोशीमठ में सर्वे का कार्य लगातार चल रहा है।