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अश्विन को मिली खास कैप, पत्नी प्रीति हुईं भावुक, दोनों बेटियां भी रहीं मौजूद

भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने धर्मशाला टेस्ट में मैदान पर उतरते ही इतिहास रच दिया। वह 100वां टेस्ट खेलने वाले भारत के 14वें खिलाड़ी बन गए। उनसे पहले सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले, कपिल देव, सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर, सौरव गांगुली, विराट कोहली, ईशांत शर्मा, हरभजन सिंह, चेतेश्व पुजारा और वीरेंद्र सहवाग ऐसा कर चुके हैं। इस मौके को खास बनाने के लिए धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में उन्हें खास तरीके से टेस्ट कैप सौंपी गई। इस खास मौके के लिए अश्विन की पत्नी प्रीति और उनकी दोनों बेटियां भी स्टेडियम में मौजूद रहे। भारतीय खिलाड़ी स्टेडियम में एक पंक्ति में खड़े हो गए। सामने में अश्विन की 100वीं टेस्ट कैप को खास तरीके से पैक कर रखा गया था, जैसे कि किसी मोमेंटो को रखा जाता है। इसके बाद उनकी पत्नी और बेटियों को बुलाया गया और वह अश्विन के करीब खड़े हुए। फिर हेड कोच राहुल द्रविड़ ने अश्विन को लेकर कुछ शब्द बोले। फिर उन्होंने अश्विन को टेस्ट कैप सौंपी। इस दौरान भारतीय खिलाड़ी ताली बजाते रहे। प्रीति भावुक नजर आईं। सभी खिलाड़ियों ने गले मिलकर अश्विन को बधाई दी। भारतीय खिलाड़ियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया। बीसीसीआई ने कई तस्वीरें भी साझा की हैं।

अश्विन के लिए यह सीरीज आसान नहीं रही है। राजकोट में सीरीज के तीसरे मुकाबले के दौरान 500 विकेट पूरे करने के बाद अश्विन को अचानक घर लौटना पड़ा था। बीसीसीआई ने तब जानकारी देते हुए बताया था कि उन्हें कोई फैमिली इमरजेंसी है। वहीं, बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बताया था कि अश्विन की मां बीमार हैं। हालांकि, एक दिन के गैप के बाद अश्विन वापस उस टेस्ट में ही लौट आए थे और फिर 501वां विकेट झटका था। अब इस पूरे मामले में अश्विन की पत्नी प्रीति ने बयान दिया है। उन्होंने पूरी कहानी बताई है। अश्विन के 100वें टेस्ट से पहले प्रीति ने मीडिया से बातचीत की है। उन्होंने बताया कि अश्विन की मां अचाकर से गिर गई थीं। इसके बाद परिवार को उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा था। हालांकि, प्रीति ने अश्विन को कॉल करने की बजाय चेतेश्वर पुजारा को कॉल किया था, ताकि अश्विन को टेस्ट से बाहर निकालने का कोई उपाय सोच सकें।
प्रीति ने बताया- राजकोट टेस्ट के दौरान बच्चे स्कूल से लौटे ही थे कि पांच मिनट बाद अश्विन के 500 विकेट पूरे हो गए। जल्द ही हम सभी फोन पर सभी बधाई संदेशों का जवाब दे रहे थे। तभी मैंने आंटी की अचानक चीख सुनी क्योंकि वह गिर गई थीं। इसके कुछ ही समय बाद हम अस्पताल में थे। उस समय हमने अश्विन को नहीं बताने का फैसला किया था क्योंकि चेन्नई और राजकोट के बीच अच्छी फ्लाइट कनेक्टिविटी नहीं थी।

उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैंने चेतेश्वर पुजारा को फोन किया और उनके परिवार ने काफी मदद की। एक बार जब हमें कोई रास्ता मिल गया, तो मैंने अश्विन को फोन किया क्योंकि स्कैन के बाद डॉक्टर ने सुझाव दिया कि उनके बेटे को आसपास रखना बेहतर है। फोन पर अश्विन इतने टूट गए थे कि उनकी हालत समझ सकती हूं। मुझे उन्हें स्थिति को समझाने में उनके वापस से कॉल करने में लगभग 20-25 मिनट लग गए। रोहित शर्मा, राहुल भाई (द्रविड़) और टीम के अन्य लोगों तथा बीसीसीआई का शुक्रिया, जिन्होंने अश्विन को यहां तक पहुंचाने के लिए हर तरह की स्थिति पर नजर रखी। अश्विन यहां देर रात पहुंचे थे।’

अश्विन ने घर पहुंचकर अपनी मां को इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में देखा। शुक्र है कि अश्विन की मां ठीक हो गईं। इसके बाद अश्विन ने वापस राजकोट के लिए उड़ान भरी। बीसीसीआई ने इसके लिए चार्टर्ड फ्लाइट का इंतजाम किया था। इसके लिए जय शाह की खूब तारीफ भी हुई थी। अश्विन राजकोट टेस्ट के चौथे दिन मैदान पर पहुंच गए थे।

प्रीति ने कहा, ‘अपनी मां को आईसीयू में देखना उनके लिए बहुत भावुक क्षण था। उनके हालत थोड़ी स्थिर होने के बाद, हमने उन्हें वापस खेलने जाने के लिए कहा। उनके व्यक्तित्व स्वभाव को देखते हुए हमें पता था कि वह अपने देश को मुश्किलों में नहीं छोड़ेंगे। अगर वह अपनी टीम के लिए मैच नहीं जीतते तो उन्हें इससे ज्यादा दुख होता। उन दो दिनों के दौरान मुझे एहसास हुआ कि अपने माता-पिता के साथ समय बिताने की उनकी तड़प अब बहुत ज्यादा है और यह उम्र और परिपक्वता के साथ आ रही है।

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