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सबकुछ छीन लिया था..भावुक हुए चिराग; चाचा और भाई से मिले धोखे पर कह दी बड़ी बात

पटना। एनडीए में सम्मानजनक भागीदारी मिलने के बाद जमुई से सांसद और लोजपा रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान  ने खुशी जाहिर की। इसके साथ, वह भावुक भी हो गए।

दरअसल, एनडीए में उन्हें पांच सीटें मिली हैं। मीडिया से बातचीत के क्रम में उन्होंने अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान  को भी याद किया। इसके अलावा, अपने चाचा पशुपति पारस  और भाई प्रिंस राज  का भी जिक्र किया।

चिराग पासवान ने कहा कि व्यक्ति नहीं समय बलवान होता है और आज समय ने अपनी ताकत दिखाई है। समय ने न्याय किया है। आने वाले दिनों में मैं हर चुनौती के लिए तैयार हूं। मैं पिछले तीन सालों से चुनौतियों का सामना कर रहा हूं। ऐसे में अगर कोई और चुनौती सामने आती है तो उसका भी उतना ही डटकर सामना करने के लिए तैयार हूं।

उन्होंने कहा कि उनके पिता का आशीर्वाद उनके साथ है। चिराग ने कहा कि उनकी पार्टी अलग संघर्ष के दौर से निकली है। चुनाव कौन कहां से लड़ेगा, इस संबंध में सभी फैसले वे लोग लेंगे, जिन्होंने बुरे दौर में भी उनका साथ नहीं छोड़ा।

उन्होंने कहा कि पार्टी और परिवार टूटने के बाद उन्हें यह यकीन नहीं था कि वह बिहार की धरती पर कभी कदम रख पाएंगे। क्योंकि पार्टी ऑफिस, सांसद और संगठन से लेकर सबकुछ उनसे छिन लिए गए थे। वहां से उन्होंने अपने संघर्ष की शुरुआत की, उसमें जिन लोगों ने साथ दिया, वह अब पार्टी की रणनीति तय

इसके अलावा, चाचा पशुपति पारस को मनाने की बात को लेकर चिराग ने कहा कि पिता के जाने के बाद परिवार के मुखिया वही (पशुपति पारस) थे, जिस तरह से विपरीत परिस्थितियों में भी उनके पिता (रामविलास पासवान) ने परिवार और पार्टी को एकजुट रखा, पिता के जाने के बाद उसी जिम्मेदारी को चाचा जी को निभाना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

वहीं, प्रिंस राज को मौका देने की बात पर चिराग ने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी मामले में समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उसके (प्रिंस राज) लिए चिताएं पहले भी थीं और आज भी हैं। उसने अपने लिए कुछ फैसले लिए हैं। अब उसी के साथ उसे जीना है। वहीं, लोजपा रामविलास (LJPR) में प्रिंस को जगह मिलने की बात पर उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी के वह लोग करेंगे, जो संघर्ष के दौरान डटकर खड़े रहे।

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