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हरिद्वार में प्रयोग के बाद दून में लागू होगा हैम मॉडल, कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलने की उम्मीद

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) अपनी कई परियोजनाओं में पीपीपी मोड के स्थान पर हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (हैम) का प्रयोग कर रहा है। हरिद्वार की पॉड टैक्सी परियोजना में पीपीपी की नाकामी के बाद उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूकेएमआरसी) ने भी यह मॉडल अपना लिया है। इसमें राज्य सरकार और डेवलपर 40:60 के अनुपात में निवेश करेंगे। हैम के लिए यूकेएमआरसी ने प्रस्ताव तैयार किया है। कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। हरिद्वार में यूकेएमआरसी ने पीपीपी मोड में पॉड टैक्सी परियोजना लेकर आया। इसके तहत 1600 करोड़ रुपये से पॉड टैक्सी का 21 किलोमीटर लंबा रूट तैयार होना था।

टेंडर आमंत्रित हुआ ताे कोई भी पूरा पैसा लगाने के लिए आगे नहीं आया। इसके बाद यूकेएमआरसी ने फैसला किया कि परियोजना का निर्माण हैम के तहत किया जाएगा। इसमें सरकार परियोजना में होने वाले खर्च का 40 फीसदी भुगतान कार्य प्रारंभ होने से पहले ही कर देगी। बाकी 60 फीसदी राशि निर्माण करने वाली कंपनी लगाएगी। इस मॉडल में निवेश के लिए कई कंपनियों ने अपनी इच्छा जताई है। यूकेएमआरसी ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
पंडितवाड़ी में भी इसी मॉडल से चलेगी पॉड

देहरादून में पहले चरण में पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन तक पॉड टैक्सी चलाने की योजना पर मेट्रो रेल कारपोरेशन काम कर रहा है। इसके अलावा 1753 करोड़ की लागत से 25 किमी पीआरटी रूट तैयार करने की योजना है। यूकेएमआरसी के एमडी जितेंद्र त्यागी ने बताया कि देहरादून में पॉड टैक्सी के संचालन में भी हैम मॉडल ही अपनाया जाएगा। हरिद्वार के बाद दून में इसके लिए प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत किया जाएगा।
वित्तीय संस्थानों से वित्तीय मंजूरी का इंतजार नहीं करना पड़ता
केंद्र सरकार की ओर से मंजूर हैम मॉडल में सरकार परियोजना के लिए 40 फीसदी रकम एडवांस दे देती है, इससे तुरंत काम शुरू हो जाता है। जब तक यह राशि खर्च होती है, तब तक निर्माणकर्ता को वित्तीय संस्थाओं से कर्ज की मंजूरी मिल जाती है। इससे परियोजना में आर्थिक अवरोध नहीं आता। परियोजनाओं में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) पर निजी कंपनियों की रुचि कम होने के बाद यह मॉडल प्रभावी हुआ है।

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