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उपभोक्ताओं पर 22 और सरकारी विभागों पर 76 करोड़ का बकाया

वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर ऊर्जा निगम ने वसूली तेज कर दी है। निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए अधिकारी और कर्मचारी वसूली में जुटे हुए हैं। सरकारी महकमों को भी बिल के भुगतान को लेकर लगातार रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं। विभिन्न विभागों पर बिजली के बिल का करीब 76 करोड़ का बकाया है, जबकि उपभोक्ताओं पर करीब 22 करोड़ रुपये का बकाया है।

विद्युत वितरण खंड विकासनगर के अंतर्गत कई साल से कुछ विभागों ने बिल का पूरा भुगतान नहीं किया है। जिस कारण सरकारी विभागों पर 76 करोड़ रुपये का बकाया है। सहायक अभियंता (राजस्व) मनोज कंडवाल ने बताया कि नलकूप विभाग पर सबसे ज्यादा करीब 46 करोड़ रुपये का बकाया है। शिक्षा विभाग पर 36 लाख रुपये और जल संस्थान पर करीब 24 करोड़ रुपये की देनदारी है।नगर पालिका पर करीब दो करोड़ और पेयजल निगम पर करीब 3.42 करोड़ रुपये का बकाया है। वहीं उपभोक्ताओं पर करीब 22 करोड़ का बकाया है, जिसमें से नौ करोड़ रुपये की वसूली कर ली गई है।

सहायक अभियंता (राजस्व) मनोज कंडवाल ने बताया कि कार्यालय में वार रूम बनाया है। यहां तैनात कर्मचारी फोन के जरिए उन उपभोक्ताओं से संपर्क कर रहे हैं, जिन पर दो हजार से अधिक का बकाया है। उपभोक्ताओं से जन हित में भुगतान का अनुरोध किया जा रहा है।

72 लाख रुपये की वसूली की
ऊर्जा विभाग ने विकासनगर, हरबर्टपुर और चकराता क्षेत्र में वसूली अभियान चलाया। बिल का भुगतान न करने पर 68 कनेक्शन काटे गए। करीब 72 लाख की वसूली गई। हरबर्टपुर क्षेत्र में एसडीओ विकास भारती, विकासनगर एसडीओ मोहम्मद अरशद और चकराता क्षेत्र में एसडीओ अशोक कुमार के नेतृत्व में अभियान चला।

उपभोक्ताओं से शत प्रतिशत भुगतान का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए गांव-गांव में शिविर लगाए जा रहे हैं। वसूली के लिए सहायक और अवर अभियंताओं के नेतृत्व में टीमें गठित की गई हैं, जो लगातार वसूली और कनेक्शन काट रही हैं। सरकारी विभागों ने 31 मार्च से पूर्व भुगतान की बात कही है। – अमित सक्सेना, अधिशासी अभियंता, ऊर्जा निगम

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