Mon. Apr 28th, 2025

सेब की फसल पर छाए संकट के बादल, ओलावृष्टि और बारिश ने बढ़ाई बागवानों की टेंशन

ठियोग। शिमला में गत दो दिनों से वर्षा और ओलावृष्टि से तापमान में गिरावट आ गई है। वहीं ठियोग क्षेत्र में एक बार फिर से ओलावृष्टि होने से सेब की फसल पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। ठियोग उपमंडल सब्जी उत्पादक क्षेत्र भी है, यहां पर फुलगोभी, मटर, फ्रासबीन अधिक मात्रा में उगाया जाता है। इन दिनों सेब व सब्जियों के लिए ओलावृष्टि नुकसानदायक है। सेब के पौधों में इन दिनों फूल आने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन मौसम के प्रतिकूल रहने से सेब की सेटिंग पर बुरा असर पड़ रहा है। इस माह की शुरुआत से ही बेमौसमी ठंड और बारिश ने आगामी सेब की फसल को प्रभावित किया है।

कम और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में फूल की सेटिंग प्रक्रिया में मौसम की बेरुखी से बागवानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में अभी सेब की फसल पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। कई सेब के पौधों पर फूल आने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले अधिक पत्ते आने से भी बागवान परेशान हैं। उधर पिछले दस दिनों से बार-बार ओलों और ठंड का असर मटर, फूल गोभी, फ्रांसबीन सब्जियों पर भी बुरा पड़ रहा है। निचले इलाकों में नाशपति, पलम और अन्य स्टोन फ्रूट की फसल अभी ठीक होने की संभावना बनी हुई है हालांकि मौसम के तेवर किसानों बागवानों को चैन नहीं लेने दे रहे हैं। इस साल हालांकि बर्फ कम गिरने से सेब की फसल कम होने की संभावना जताई जा रही है लेकिन सर्दियों के बाद बारिश से अच्छी नमी बेमौसमी सब्जियों के अच्छे उत्पादन की उम्मीद किसानों को है सब्जी उत्पादक क्षेत्र ठियोग में इन दिनों भारी वर्षा और ओलावृष्टि से सब्जियों की पैदावार पर असर पड़ रहा है। ओलावृष्टि से फ्रासबीन की पत्तियां पूरी तरह से टूट रही हैं इससे उसका उत्पादन कम हो रहा है जबकि इन दिनों बाजार में फ्रासबीन के अच्छे दाम मिल रहे हैं। परंतु फसल खेतों में ही खराब हो रही है जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऐसी ही स्थिति मटर की भी है। इन दिनों कई किसान फ्रासबीन की फसल की गुडाई भी कर रहे हैं। गुडाई के समय पर बारिश कम ही होनी चाहिए, लेकिन दो-तीन दिन से लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि के कारण फ्रासबीन व मटर की फसल खराब हो रही है, जिससे अब फ्रासबीन की ग्रोथ पर असर पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि ठियोग की मटर व फ्रासबीन की मांग बाहरी राज्यों की मंडियों में भी अधिक रहती है। खराब मौसम के कारण सेब के बगीचों में फूल खिलने की प्रक्रिया बाधित हो रही है। सेब के बगीचों में इन दिनों फूल खिलने का समय हैं। सेब के पौधों में फूल खिलने के लिए साफ मौसम और अच्छे तापमान की आवश्यकता है, लेकिन इस बार मौसम बिल्कुल विपरीत चल रहा है। यही कारण है कि सेब बागवानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। कम तापमान के कारण सेब के बगीचों में परागण प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है। अगर परागण प्रक्रिया सही नहीं रहती है तो फिर सेब की अच्छी सेटिंग नहीं हो पाएगी। इससे आने वाले सीजन में सेब की कम पैदावार की संभावना है। बागवानों का कहना है कि यदि आने वाले 10 दिनों तक मौसम ऐसा ही बना रहा तो इस बार भी सेब की फसल तबाह हो सकती है। बदलते मौसम ने बागवानों की कमर तोड़ कर रख दी है इससे उनकी सालभर की मेहनत पर पानी फिर रहा है।

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