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चारधाम यात्रा में स्थानीय महिलाओं को दिया जाएगा रोजगार

उत्तरकाशी। आगामी चारधाम यात्रा में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को यात्रा रूटों पर स्टॉल और कैनोपी दी जाएगी, जिससे वह जनपद के पहाड़ी उत्पादों सहित स्थानीय परिधानों को विक्रय कर अपनी आजीविका मजबूत कर सके। वहीं देश-विदेश में जनपद के स्थानीय उत्पादों को विशेष पहचान मिल सके। बुधवार को मुख्य विकास अधिकारी जयकिशन ने विकास भवन में ग्रामीण उद्यम वेगवृद्धि परियोजना सहित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यात्रा से स्थानीय महिलाओं को जोड़ जाए। इससे उन्हें भी यात्रा के दौरान रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह जो भी स्थानीय उत्पाद और पहाड़ी काष्ठकला बनाती हैं। उन्हें चारधाम यात्रा के दौरान देश-विदेश के यात्रियों तक पहुंचाना बहुत आवश्यक है। इसमें जनपद की हर्षिल की राजमा सहित सेब और उससे बनने वाले चटनी जेम आदि की पैकेजिंग को सही तरीके से तैयार किया जाए। इसके साथ ही महिलाओं को स्टॉल देकर वहां पर यात्रियों के लिए पहाड़ी खाने की थाली भी परोसी जाए। जनपद के बगोरी सहित मोरी, डुंडा के विभिन्न क्षेत्रों में ऊन से बने परिधान बनाए जाते हैं। उनका विक्रय भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर किया जाए। सीडीओ जयकिशन ने कहा गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के यात्रा रूटों पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए स्टॉल के लिए विशेष स्थान चिह्नित किए जाएं। जहां पर यात्रा के दौरान सबसे अधिक भीड़ मौजूद रहती है। साथ ही महिलाओं को व्हील चेयर सहित छाते आदि भी उपलब्ध करवाए जाए, जिससे वह उसे महिलाएं किराये पर यात्रियों को उपलब्ध करवा सके। इस मौके पर डीडीओ रमेश चंद्र, परियोजना निदेशक पुष्पेंद्र चौंहान, जिला परियोजना प्रबंधक रीप कपिल उपाध्याय आदि मौजूद रहे।

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